अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में पोर्टल ने दिया धोखा, अब थोड़ा और करना पड़ेगा इंतजार

स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति आदेश का इंतजार कर रहे अतिथि शिक्षकों का इंतजार और लंबा खिच गया है। लोक शिक्षण ने जो आदेश जारी किया था। उसके हिसाब से कुछ नहीं हुआ। जब नियुक्ति आदेश जारी किया जाना था। उस दौरान पोर्टल ही मेंटीनेंस में डाल दिया गया। अब 5 अगस्त के बाद ही अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल पाएगा।

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में पोर्टल ने दिया धोखा, अब थोड़ा और करना पड़ेगा इंतजार

जब नियुक्ति आदेश जारी होना था तब पोर्टल मेंटीनेंस में डाल दिए
रिक्त पदों की भी जानकारी अतिथि शिक्षकों को नहीं मिल पाई
रीवा। ज्ञात हो कि लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशानुसार काउंसलिंग के बाद जो भी पद रिक्त रह गए हैं। उन्हें जीएफएमएस पोर्टल पर अतिथि शिक्षकों के आमंत्रण के लिए प्रदर्शित करना था। 30 जुलाई तक पदों को प्रदर्शित किया जाना था। इसके बाद 1 अगस्त से 7 अगस्त तक अतिथि शिक्षकों को जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइनिंग दर्ज करना था। 1 से 7 जुलाई के बीच ही शाला प्रभारी जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइन किए अतिथि शिक्षक का प्रमाणीकरण करना था। लोक शिक्षण संचालनालय के तय सेड्यूल के हिसाब से कुछ भी नहीं हुआ। 30 जुलाई तक पोर्टल पर रिक्त शिक्षकों की सूची ही प्रदर्शित नहीं हुई। इसके बाद जब ज्वाइनिंग आदेश जारी किया जाना था। उसी दौरान पोर्टल को मेंटीनेंस में डाल दिया गया। अब 2 अगस्त से 5 अगस्त तक अतिथि शिक्षकों का कुछ नहीं हो पाएगा। आनलाइन सारा काम ठप पड़ गया है। अतिथि शिक्षक ज्वाइनिंग के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उनका इंतजार और बढ़ गया है। 5 अगस्त के बाद ही अब उनकी ज्वाइनिंग स्कूलों में हो पाएगी।
इस वजह से हो गई देरी
ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, हाई स्कूल प्राचार्यों के उच्च पद प्रभार पर पदोन्नति देने काउंसलिंग का आयोजन किया गया था। 15 जुलाई से काउंसलिंग की कार्रवाई शुरू की गई। 29 जुलाई तक काउंसलिंग का दौर चला। अब काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है। काउंसलिंग में पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों को नवीन स्कूलों में पदस्थापना के आदेश नहीं हो पाए हैं। इसकी वजह से रिक्त पद स्पष्ट नहीं हुए। जिलों में रिक्त पदों की स्थिति पदोन्नत शिक्षकों के ज्वाइनिंग के बाद भी स्पष्ट हो पाएगा। पदोन्नति को लेकर हुई काउंसलिंग में देरी के कारण ही अतिथि शिक्षकों को भी थोड़ा इंतजार करना पड़ रहा है।