इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य को हुआ स्थानांतरण, डॉ डीके सिंह को मिली जिम्मेदारी

इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा के प्रभारी प्राचार्य डॉ बी के अग्रवाल स्थानांतरण कर दिया गया है। प्राचार्य का प्रभार महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ डी के सिंह को दे दिय गया है । इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग द्वारा शुक्रवार को आदेश जारी किए गए हैं ।

तकनीकी शिक्षा और कौशल विभाग ने जारी किया आदेश
रीवा।इंजीनियरिंग कालेज के प्रभारी प्राचार्य द्वारा पिछले सात वर्षों से प्राचार्य की कुर्सी पर जमें डॉ बीके अग्रवाल को हटा दिया गया है। तकनकी शिक्षा औा कौशल विभाग ने डॉ बीके अग्रवाल को हटाते हुए प्राचार्य की जिम्मेदारी डॉ डीके सिंह को दे दी है। इसके अलावा भी प्रदेश में दो अन्य कॉलेजों के प्राचार्यों को बदला गया है। हालांकि जीईसी रीवा में हुए फेरबल को कॉलेज में की गई अनियमितता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। डॉ बीके अग्रवाल पर लगातार कई गंभीर आरोप लगते आ रहे थे। इन आरोपों के कारण ही इन्हें पद से हटाए जने की बात कही जा रही है।
यह लगे थे आरोप, जांच करने आई थी टीम
प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के नई अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत वेतन से कटौती की गई दस प्रतिशत राशि तथा शासन द्वारा मिलाई जा रही चौदह प्रतिशत राशि को एनपीएस खाते में प्रत्येक माह जमा करना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। डॉ बीके अग्रवाल की मौजूदगी ें इन सभी राशियों को तीन महीने से लेकर सालभर चालू खाता में रखकर होल्ड किया गया था। गंभीर वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आय था। इसके कारण महाविद्यालय के तीस प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों को लाखों रुपये के ब्याज का नुकसान हुआ था। इसकी प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने वित्त विभाग एवं संचालक पेंशन तथा कमिश्नर रीवा संभाग को पेंशन खाते में की गई गंभीर वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी।  इस मामले में तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन ने इस करोड़ो की राशि की अनियमितता पर तुरंत ऐक्शन लेते हुए जांच दल को भोपाल से रीवा भेजा था। कमिश्नर रीवा संभाग ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा को पूरे प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया । इसके अलावा प्रभारी प्राचार्य डॉ बी के अग्रवाल पर एक ही प्राध्यापक को वित्तीय लाभ के अनेक पदों पर आसीन करने, परीक्षा, मूल्यांकन आदि कार्यो में नियम विरुद्ध मनमानी करने, आरजीपीवी के निलंबित कुलपति को निलंबन के पश्चात् फर्जी रूप से ज्वाइन कराने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे।  विद्यार्थी परिषद रीवा इकाई ने एक दिवसीय धरना भी दिया था। सभी अनियमितताओं की जांच संबंधी ज्ञापन कमिश्नर रीवा संभाग के माध्यम से तकनीकी शिक्षा मंत्री को सौंपा गया था ००००००००००००००००००