अल्ट्राटेक फैक्ट्री में 15 घंटे बाद खत्म हुआ बवाल, जानिए कितने लाख मुआवजा पर बनी बात
अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की लापरवाही से एक श्रमिक की मौत हो गई थी। मौत के बाद कर्मचारियों और परिजनों ने बवाल कर दिया। 15 घंटे हंगामा चला। परिजन मुआवजा और नौकरी की मांग पर अड़े थे। प्रबंधन 42 लाख मुआवजा और पत्नी को पेंशन देने को तैयार हुई, तब हंगामा शांत हुआ। इसके बाद ही शव को पीएम के लिए भेजा गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात था।
इधर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के रामनगर स्थित खुली खदान मे गिरने से एक युवक की मौत
रीवा। ज्ञात हो कि गुरुवार की सुबह 9 बजे पैकिंग प्लांट के कन्वेयर की चपेट में आने से ठेका श्रमिक रमेश यादव पुत्र रामकुमार 23 वर्ष निवासी भोलगढ़ की मौत हो गई। अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की लापरवाही से मौत के बाद परिजन आक्रोशित होकर कंपनी के अंदर पहुंचे और हंगामा खड़ा कर दिया और शव को नहीं उठाने दिया था। परिजन बतौर मुआवजा 1 करोड़ रुपये और पत्नी को नौकरी देने की मांग कर रहे थे। सुबह से शुरु हुआ बवाल देर रात तक चलता रहा। इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की गई। देर रात करीब 12 बजे कंपनी प्रबंधन की ओर से मृतक श्रमिक के परिवार को 42 लाख रुपये प्रदान किया गया। इसके अलावा पत्नी को पेंशन देने का आश्वासन दिया गया। तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ।
देर रात पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी
सुबह से चालू हुआ आंदोलन देर रात तक चलता रहा है। अंतत: रात में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, एएसपी अनिल सोनकर, एसडीएम अनुराग तिवारी, हुजूर तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला, बनकुंइया सर्किल की नायब तहसीलदार विंध्या मिश्रा, चोरहटा टीआई अवनीश पाण्डेय और नौबस्ता चौकी प्रभारी मनोज गौतम पहुंचे। अधिकारियों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ सख्ती बरती, जिसके बाद जिम्मेदार बात करने आये और मुआवजा देकर हंगामा शांत कराया।
रामनगर माइंस में गिरने से युवक की मौत
इधर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के रामनगर थाना क्षेत्र मे स्थित खुली खदान मे गिरने से एक युवक की मौत हो गई है। अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन ने मामले को दबाने के लिए शव को रामपुर नैकिन पीएम के लिए भेजा दिया है। घटना गुरुवार रात की बताई जा रही। मृतक की पहचान अर्जुन साकेत के रूप में की गई है। बताया गया है कि युवक लकड़ी लेने के लिये गया था, तभी वह माइंस में गिर गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। इसके बाद प्रबंधन ने आनन-फानन में शव को रामपुर नैकिन भेज दिया। स्थानीय लोगों ने घटना को लेकर बवाल भी मचाया है। आरोप है कि कंपनी की माइंस में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है, जिसकी वजह से घटना हुई है। परिजनों ने मौत का जिम्मेदार कंपनी को ठहराया है।