शराब दुकान का शटर डाउन हुआ फिर भी देर रात तक बिकती रही शराब
शराब दुकानों में शटर डाउन होने के बाद भी खुलेआम शराब बेची जाती है। उर्रहट दुकान में शटर डाउन के करने के बाद भी भीड़ लगी रही और चोर खिड़की से शराब बेचते रहे। जब उनकी यह करतूत मोबाइल में कैद हुई तो कर्मचारी रौब दिखाने लगे। आबकारी विभाग के एक अधिकारी को भी फोन लगा दिया। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आबकारी अधिकारियों के संरक्षण में ही यह अवैध गोरखधंधा चल रहा है। जबकि आचार संहिता लगी हुई है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों की सह पर चलता है अवैध काम
रीवा। पुलिस ने कुछ दिनों तक मुस्तैदी दिखाई लेकिन अब सड़कों से गायब है। अब अंधेरगर्दी फिर शुरू हो गई है। इसका सीधा असर शराब दुकानों के बाहर देखने को मिल जाएगा। आबकारी विभाग ने रात 11.30 तक ही शराब दुकानों को खोले रखने और बेचने का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद भी शराब दुकानों से देर रात तक शराब बेची जाती है। शटर डाउन तो समय पर कर देते हैं लेकिन अवैध तरीके से चोरी छिपे शराब बेचने के लिए चोर खिड़की बनाई गई है। वहीं कई कर्मचारी अंदर ही रहते हैं जो शटर ऊपर कर कभी भी शराब देने लग जाते हैं। ऐसा ही नजारा शुक्रवार की रात 11.45 बजे उर्रहट अंग्रेजी शराब दुकान की करतूत भी मोबाइल में कैद हो गई। शटर डाउन कर दिया गया था लेकिन शराब बेचना बंद नहीं हुआ। धड़ाधड़ शराब बेची जा रही थी। दुकान के बाहर भीड़ लगी थी। जब शराब दुकान की इस करतूत को मोबाइल में कैद किया जा रहा था तभी दुकान के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। वीडियो और फोटो खीचने का विरोध करने लगे। उन्होंने आबकारी अधिकारी को भी फोन लगा दिया। कर्मचारियों में किसी तरह का डर नजर नहीं आ रहा था। इससे यह तो स्पष्ट है कि आबकारी विभाग और पुलिस की सांठगांठ से ही खुलेआम शराब बेची जा रही है। यह नजारा सिर्फ उर्रहट शराब दुकान का नहीं है। रीवा शहर में सभी शराब दुकानों में देर रात तक शटर डाउन होने के बाद भी धड़ल्ले से शराब बेची जाती है। हद तो यह है कि आचार संहिता लगी हुई है। फिर भी शराब ठेकदारों पर किसी तरह का असर नहीं हो रहा है। ऐसे में जो हालात हैं उससे सेमरिया विधायक के लगाए गए आरोपों को भी बल मिल रहा है। पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियेंा के संरक्षण में शराब बेचने का आरोप लगाया गया था। वह अब साफ नजर आ रहा है।