पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रही छात्राओं ने डीन से की मुलाकात लेकिन नहीं बनी बात

पहले कॉलेज सीज हुआ अब छात्राओं की फंस गई मार्कशीट, एडमिशन लेकर फंस गई छात्राएं, डिप्टी सीएम से लगाई गुहार गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में ताला लग गया। इस कार्रवाई से यहां पोस्ट बेसिक बीएससी नसिंग की पढ़ाई कर रही 33 छात्राओं की चिंताएं बढ़ गई है। इनकी ओरिजनल मार्कशीट भी जमा थी, जो सीज हो गई है। वहीं इनके भविष्य का क्या होगा, यह भी स्पष्ट नहीं है। डेढ़ साल बीत गए लेकिन इनरोलमेंट नंबर जारी नहीं हुआ। करियर को लेकर डीन से छात्राओं ने मुलाकात की लेकिन राहत नहीं मिली।

पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रही छात्राओं ने डीन से की मुलाकात लेकिन नहीं बनी बात

नौकरी छोड़कर नर्सिंग कर रही छात्राओं के कॅरियर दांव पर लगा
डेढ़ साल बीत गए लेकिन इनरोलमेंट तक नहीं हुआ, डीन से मिली छात्राएं
रीवा। हाईकोर्ट के आदेश और सीएमई के निर्देश पर मंगलवार को गवर्नमेंट कॉलेज सीज कर दिया गया। कॉलेज के साथ ही पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही नर्सों की मार्कशीट भी सीज हो गई हैं। छात्राएं परेशान हैं। मान्यता जाने के बाद उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। डेढ़ साल से पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रही नर्सें विभाग की तरफ से यहां एजुकेशन लीव पर आईं हैं। अलग अलग जिलों से आकर इस उम्मीद में पढ़ रही थी कि जल्द ही पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की डिग्री मिल जाएगी। हालांकि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। डेढ़ साल बाद भी इनरोलमेंट नहीं हुआ। प्रवेश परीक्षा पास कर रीवा सरकारी नर्सिंग कॉलेज को चुनने वाली नर्सें अब खुद को ठगा महसूस कर रही हैं। पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रही छात्राओं का कहना है कि रीवा के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी हैं। उनसे उम्मीद थी कि उनके साथ बेहतर ही होगा लेकिन कोई उनकी समस्याओं की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में ताला लग गया। छात्राओं का कहना है कि दो साल एजुकेशन लीव के मिलते हैं। डेढ़ साल निकल गए। अभी तक इनरोलमेंट तक नहीं हुआ। इस मामले में डीन से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला से मिलिए। डीन यहां से रिलीव करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में उनका भविष्य ही बर्बाद हो जाएगा। पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कर रही छात्राओं का कहना है कि उन्हें भी मान्यता प्राप्त नर्सिग कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया जाए। जिससे उनका भी भविष्य और समय बर्बाद न हो। रीवा सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग करने वाली 33 छात्राएं हैं जो अलग अलग जिलों से आकर यहां पर पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जब कॉलेज का चयन किया गया था तब कॉलेज पात्र था। अब अपात्र हो गया। छात्राएं अब डिप्टी सीएम से मिलने के इंतजार में है। डिप्टी सीएम से मिलकर वह अपनी समस्याएं उनके सामने रखेंगी।
कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से बनी ऐसी स्थिति
नर्सिंग कॉलेज की अव्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त नहीं किया गया। यहां न तो रेग्युलर स्टाफ था और न ही कॉलेज के लायक पर्याप्त जगह ही थी। जिस जगह पर कॉलेज संचालित किया जा रहा था। वह भवन जर्जर हालत में था। कई मर्तबा नर्सिंग छात्राओं ने हंगामा भी किया था। डीन से मुलाकात कर इसकी जानकारी भी दी थी लेकिन समय रहते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। अब इसी लापरवाही की सजा छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही शहर की किरकिरी हुई वह अलग।

हम यहीं पर नौकरी करते थे। डिपार्टमेंट की तरफ से यहां नर्सिंग करने आए थे। दो साल एजुकेशन लीव मिलता है। डेढ़ साल बीत गए। अब तक न तो इनरोलमेंट हुआ और न ही परीक्षा हुईं। अब तो कॉलेज भी सील हो गया। ओरिजनल मार्कशीट भी सीज हो गया। डीन से इस संबंध में मिले तो बोले कि अब तो सीज हो गया कालेज। मंत्री जी से मिलिए।
दीपा सोनी
नर्सिंग छात्रा, गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज रीवा
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हमारा कॉलेज अनसुटेबल था। वह सीज कर दिया गया है। अब डिप्टी सीएम से अपील है कि हमारे भविष्य को ध्यान में रखते हुए हम सभी को किसी सुटेबल कॉले में शिफ्ट किया जाए।
चंदा कोरी
छात्रा, गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज रीवा