हाईटेक हुई व्यवस्था, अब बार कोड से लगती है जांच और मोबाइल में पहुंच रही रिपोर्ट
संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जांच व्यवस्थाएं हाईटेक हो गई हैं। अब सेम्पल बार कोड से लग रही हैं। बिना बार कोडिंग के जांच संभव नहीं है। जांच के बाद मरीजों के मोबाइल पर ही रिपोर्ट पहुंच रही है। सेंट्रल पैथालॉजी बन कर तैयार हो चुकी है। चंद दिनों में इसकी शुरुआत हो जाएगी।
अब मोबाइल में ही पहुंच रही है मरीजों की जांच रिपोर्ट
रीवा। रीवा मेडिकल हब की दिशा में एक एक कदम आगे बढ़ रहा है। संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को हाईटेक किया जा रहा है। इसकी शुरुआत सबसे पहले पैथालॉजी से की गई है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सेंट्रल पैथालॉजी की स्थापना की गई है। यहां बड़ी और महंगी मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों से ही अब मरीजों की जांच की जा रही है। संजय गांधी अस्पताल की पैथालॉजी को बंद कर दिया गया है। अब सिर्फ जगह जगह सेम्पल कलेक्शन की ही व्यवस्थाएं की गई है। सारी जांच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सेंट्रल पैथालॉजी में हो रही है। अब यहां पहले जैसी कोई भी अव्यवस्था नहीं है। पर्ची काउंटर से जांच की पर्ची कटाने के बाद ही मरीजों का सेम्पल जांच के लिए लग रहा है। पर्ची के बाद बार कोड इश्यू किया जाता है। सेम्पल में बार कोडिंग होने के बाद ही सेम्पल जांच के लिए सेंट्रल पैथालॉजी पहुंचता है। यहां पर जांच के बाद बार कोडिंग के ही जरिए मरीजों और उनके परिजनों के दर्ज मोबाइल नंबर पर रिपोर्ट भेजी जाती है। इस सुविधा के शुरू होने से मरीजों और उनके परिजनों को काफी राहत मिल रही है। जांच रिपोर्ट के लिए अब उन्हें भटकना नहीं पड़ रहा है। चंद दिनों में हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम की भी शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद मरीजों की जांच सीधे वार्डों में पहुंच जाएगी। डॉक्टर सीधे मरीज की रिपोर्ट देख सकेंगे।
जगह जगह बनाए गए हैं कलेक्शन सेंटर
मरीजों की सहूलियत के लिए संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक्सरे कक्ष के पास ही कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। वहीं संजय गांधी अस्पताल में प्रथम तल पर कलेक्शन सेंटर खोला गया है। मरीज पर्ची काउंटर से जांच की पर्ची कटवाते हैं। वहीं पर मरीजों को जांच और ब्लड कलेक्शन के लिए डिब्बियां उपलब्ध कराई जाती है। इन पर बार कोडिंग वाली पर्ची सेम्पल कलेक्शन करते समय चिपकाई जाती है।
भोपाल की तर्ज पर हो रहा है काम
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भोपाल मेडिकल कॉलेज की तरह काम किया जा रहा है। वहां भी एचएमआईएस सिस्टम लागू है। जांच रिपोर्ट सीधे मोबाइल पर ही मरीजों के पहुंचती है। इसी तरह यहां भी यह सिस्टम लागू किया जा रहा है। इससे मरीजों को काफी राहत मिल रही है। इधर उधर रिपोर्ट और जांच के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है। इतना ही नहीं कई नई जांच की सुविधाएं भी अब यहां शुरू हो गई हैं। संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में थायराइड की जांच भी शुरू हो गई हैं।