सतना में 18 स्टोन क्रेशर का टीम ने किया निरीक्षण तो दंग रह गई, कहीं प्रदूषण रोकने के इंतजाम ही नहीं मिले
एनजीटी के निर्देश पर भोपाल से आई उच्च स्तरीय टीम ने गुरुवार को सतना में संचालित स्टोन क्रेशर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पर्यावरण को संरक्षित करने के पर्याप्त इंतजाम कहीं भी नजर नहीं आए। निरीक्षण के बाद टीम रिपोर्ट एनजीटी को प्रस्तुत करेगी।
एनजीटी के निर्देश पर रीवा और सतना के स्टोन क्रेशर का किया गया निरीक्षण
रिपोर्ट एनजीटी के सामने प्रस्तुत की जाएगी
रीवा। ज्ञात हो कि अधिवक्ता अतुल जैन और बीके माला ने एनजीटी में स्टोन क्रेशर से होने वाले प्रदूषण को लेकर एनजीटी में एक याचिका दायर की थी। इसी याचिका की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने एक उच्च स्तरीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। एनजीटी के निर्देश पर एक टीम भोपाल से बुधवार को रीवा पहुंची थी, रीवा में 13 स्टोन के्रेशर की जांच की थी। रीवा का निरीक्षण करने के बाद गुरुवार को टीम सतना पहुंची। इस टीम में प्रमुख रूप से सेंट्रल प्रदूषण विभाग से सुनील कुमार मीणा, सिया कमेटी से जय प्रकाश शुक्ला, सतना प्रदूषण विभाग के जिला अधिकारी, क्षेत्रीय संचालक खनिज एमएम पाण्डेय, जिला खनिज अधिकारी, कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। साथ में याचिकाकर्ता अधिवक्ता बीके माला और अतुल जैन भी मौजूद रहे। टीम ने सभी 18 स्टोन क्रेशर की जांच की। यह रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी जाएगी।
इन स्टोन क्रेशर की जांच की गई
उच्च स्तरीय जांच टीम ने के एल स्टोन क्रेशर, मां कालिका मिनरल स्टोन क्रेशर कोठार सतना, जगदम्बा स्टोन क्रेशर, प्रदीप स्टोन क्रेशर कोठार, पाण्डेय स्टोन क्रेशर कोठार, त्रिपाठी स्टोन क्रेशर कोठार, महाकाल स्टोन क्रेशर, सत्यसांई स्टोन क्रेशर, तिवारी स्टोन क्रेशर, गीता स्टोन क्रेशर देवरा, पंकज सिंह, अनिल सिंह, राजेश तिवारी, आनंदी प्रसाद, सुनी अग्रवाल, अरुणेन्द्र पाण्डेय, ब्रिजेन्द्र कुमार, अनुसइया सिंह, भानु सिंह, राजू सिंह परिहार, नरोत्तम मिश्रा के स्टोन क्रेशर और लीज स्वीकृत खदान का अवलोकन किया।
कहीं भी नहीं मिले पुख्ता इंतजाम
टीम के निरीक्षण में कहीं भी बाउण्ड्री नहीं मिली। रामपुर बघेलान अंतर्गत कोठार में सबसे अधिक क्रेशर पाई गईं। यहां पर्यावरण संरक्षण को लेकर कोई इंतजाम नहीं मिला। कुछ लोग रीवा के भी सतना में प्लांट शिफ्ट किए हैं। खदानों में अधिक गहराई तक पत्थर निकलने के बाद पानी का रिसाव शुरू होना पाया गया। इसके बाद भी उत्खनन जारी है। नई अनुमति नहीं ली गई। किसी के पास अनुमति नहीं है। क्रेशर प्लांट में पेड़ पौधे लगे नहीं पाए गए। पर्यावरण को बचाने का समुचित इंतजाम नहीं मिला।
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सतना में टीम ने 18 स्टोन क्रेशर की जांच की। जांच के दौरान कहीं भी पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले। प्रदूषण रोकने के लिए लिए किसी ने ठोस व्यवस्था नहीं की थी। जांच अब अगले महीने सुनवाई के दौरान एनजीटी के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
अधिवक्ता बीके माला
याचिकाकर्ता