केन्द्र से रीवा पहुंची सेंट्रल टीबी डिवीजन की टीम, दे गई बड़ी सौगात जो बनेगी मरीजों के लिए वरदान
रीवा के स्वास्थ्य सुविधाओं में एक और उपलब्धि जुडऩे वाली है। जल्द ही अत्याधुनिक बीएसएल 3 ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब बन कर तैयार हो जाएगा। लैब बनने से टीबी रोगियों की जांच यहीं पर संभव होगी। कौन सी दवा मरीज को सूट करेगी। इसका पता जांच से तुरंत चल जाएगा। टीबी से पीडि़त मरीजों की इस जांच के बाद बचने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाएगी। सेंट्रल से आई टीम ने श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के निर्माण स्थल को हरी झंडी दिखा कर लौट गई है। 6 महीने में लैब बन कर तैयार हो जाएगी।
रीवा। ज्ञात हो कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तब भारत को टीबी रोग मुक्त भारत का संकल्प लिया है। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। इसी के तहत रीवा में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक बीएसएल 3 ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब का निर्माण किया जाएगा। इसी लैब को हरी झंडी दिखाने के लिए शनिवार को सेंट्रल टीबी डिवीजन दिल्ली की टीम श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा पहुंची थी। मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता डॉ मनोज इंदूरकर एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अमरेश निगुड़ी की मौजूदगी में टीम ने लैब निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने हरी झंडी दिखाकर वापसी कर ली है। यह लैब 6 महीने से भी कम समय में मेडिकल कॉलेज में शुरू होने वाली है।
लैब से यह होगा मरीजों को फायदा
अभी तक बीएसएल 3 ड्रग ससेप्टिबिलिटी एंड एलपीए लैब की सुविधा सिर्फ भोपाल जबलपुर और ग्वालियर में ही है। अब रीवा में भी इसकी शुरुआत हो जाएगी। रीवा संभाग के सभी मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। लैब शुरू होने से टीबी रोग की जांच और मरीज को कौन सी दवा काम करेगी और कौन सी नहीं यह पता चल जाएगा। इससे मरीज के इलाज के सफल होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।
प्रस्तावित लैब स्थल के निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज में दोपहर 12 बजे से टीबी उन्मूलन प्रोग्राम की कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। अधिष्ठाता श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की अध्यक्षता में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष शामिल रहे। बैठक में डॉ मंजू टोप्पो एसटीएफ चेयर पर्सन नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम एमपी और डॉक्टर संजय सूर्यवंशी डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट सीटीडी ने सभी विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन करने विषयक एजेंडा पर चर्चा की गई। डॉ आशुतोष असाटी एसोसिएट प्रोफेसर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग व डॉ अंशुमान शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने छय रोग के निदान व राष्ट्रीय छय रोग उन्मूलन प्रोग्राम के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु बताए। बैठक में मेडिकल कॉलेज रीवा के समस्त विभागों के समन्वय से सभी पल्मोनरी और एक्सट्रैपलमोनरी की मासिक रिपोर्टिंग पर जोर दिया गया। सही सैंपल तकनीक तथा क्लिनिकल डायग्नोसिस कर सभी टीबी मरीजों का उपचार शुरू करने का निर्देश दिया गया । ऑपरेशंस रिसर्च और पेशेंट रेफरल मेकैनिज्म को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया बैठक में पीजी विद्यार्थियों द्वारा टीबी विषय पर शोध कार्य करने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की भी जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का परिचालन डॉक्टर नरेश बजाज विभागाध्यक्ष शिशु रोग विभाग एवं डॉक्टर नीरा मराठे विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन ने किया।