इंतजार खत्म, ग्वालियर से मुकुंदपुर जू पहुंचा सफेद बाघ का नन्हा शावक, बनेगा शान

नए मेहमान का इंतजार खत्म हो गया है। ग्वालियर चिडिय़ाघर से नन्हा मेहमान मुकुंदपुर पहुंच गया है। 5 महीने का नन्हा सफेद बाघ का शावक स्वस्थ्य हैं और चिडिय़ाघर में फिलहाल क्वारेंटाइन में रखा गया है। फिलहाल पर्यटकों को इसका दीदार नहीं हो पाएगा।

इंतजार खत्म, ग्वालियर से मुकुंदपुर जू पहुंचा सफेद बाघ का नन्हा शावक, बनेगा शान

रीवा। ज्ञात हो कि केन्द्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण से मिले अनुमति उपरांत महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू मुकुंदपुर से दो मादा सांभर को गांधी प्राणी उद्यान ग्वालियर को दिया गया। इसके बदले मुकुंदपुर चिडिय़ाघर को 1 सफेद बाघ मिला है। रविवार को चिडिय़ाघर की टीम सांभर को लेकर ग्वालियर रवाना हुई थी। ग्वालियर पहुंचने के बाद सांभर को हैंडओव्हर किया गया। ग्वालियर से मुकुंदपुर की टीम को सांभर के बदले सफेद बाघ दिया गया। सफेद बाघ की उम्र सिर्फ 5 साल है। यह नन्हा सफेद बाघ का शावक 15 घंटे का सफर तय कर मुकुंदपुर पहुंचा है। इसे लाने के लिए 5 सदस्य ग्वालियर गए हुए थे। टीम के  सदस्य सफेद बाघ का शावक लेकर बुधवार की सुबह 10 बजे चिडिय़ाघर पहुंच गई हैै। चिडिय़ाघर में फिलहाल सफेद बाघ को क्वारेंटाइन बाड़ा में रखा गया है। फिलहाल सफेद बाघ डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी। सफेद बाघ को लेने ग्वालियर वन्य प्राणी चिकित्सक नितिन गुप्ता, क्यूरेटर जू रंजन सिह परिहार, वनरक्षक लोकेश दुबे, अखिलेश मिश्रा और प्रकाश दल गया था। प्रकाश दल ने ट्रांसलोकश्ेान का कार्य किया।
------------
अब चार हो गई है सफेद बाघों की संख्या
मुकुंदपुर चिडिय़ाघर में तीन सफेद बाघ थे। रघु और सोनम पहले से ही मौजूद थे। टीपू को मुकुंदपुर की टीम दिल्ली से लेकर आई थी। अब चौथा बाघ ग्वालियर से पहुंच गया है। फिलहाल पांच महीने के सफेद बाघ का नामकरण नहीं हुआ है। सफेद बाघ का नामकरण मुकुंदपुर में ही किया जाएगा।