इंतजार खत्म, बाण सागर बांध के तीन गेट खोले गए देखने वालों की लगी भीड़
लंबा इंतजार खत्म हो गया। सोमवार की शाम 4 बजे बाण सागर बांध के तीन गेट खोल दिए गए। बाण सागर बांध लबालब हो गया है। तराई क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
शाम 4 बजे जलस्तर 341.06 पर पहुंचते ही खोले गए गेट
रीवा। ज्ञात हो कि बाण सागर बांध के भरने का सभी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कमजोर मानसून के कारण सभी इसके भरने को लेकर चिंतित थे। हालांकि बाद में मानसून इस कदर मेहरबान हुआ कि बारिश की झड़ी लग गई। इसी की नतीजा है कि पिछले तीन दिनों से लगातार बाण सागर में पानी की आवक बनी हुई है। उम्मीद से कहीं ज्यादा बांध में पानी पहुंचा। बाण सागर का वैसे तो अधिकतम जलस्तर 341.64 मीटर है लेकिन सोमवार को जैसे ही 341.06 मीटर पर जलस्तर पहुंचा। अलार्म बज उठा। बाण सागर बांध के एक एक कर तीन गेट खोल दिए। बाण सागर बांध से पानी की मोटी धार नदी में छोड़ दी गई। इस नजारे को देखने के लिए लोग दूर दूर से यहां पहुंचे थे। पानी छोडऩे के पहले सभी जगहों पर अलर्ट जारी किया गया था। नदी के किनारे बसे गांवों को भी सुरक्षा के लिहाज से अलर्ट कर दिया गया था। सीधी, सिंगरौली, शहडोल आदि जिला के कलेक्टरों को भी अलर्ट किया गया था। लगातार पानी की आवक बनी हुई है। बारिश भी हो रही है। इसके और भी गेट खुलने के आसार जताए जा रहे हैं। बाण सागर बांध के तीन गेट डेढ़ डेढ़ मीटर खोले गए हैं। इनसे 910.66 क्यूमेक्स पानी नदी में छोड़ा जा रहा है।
बकिया बराज के तीन गेट और खुले
लगातार बारिश के कारण बकिया में भी पानी की आवक बनी हुई है। रविवार को इसके तीन गेट खुले हुए थे लेकिन सोमवार को तीन और गेट खोल दिए गए। 6 गेट 25-25 सेमी तक खोले गए हैं। वहीं 252.40 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। बीहर बराज के दो गेट खुले हैं। यह गेट 25-25 सेमी खोले गए हैं। वहीं पानी का डिस्चार्ज 22.44 क्यूमेक्स है। सोमवार को देर रात जोरदार बारिश हुई। इससे बांधों के जलस्तर बढऩे से गेट खोले जाने की संख्या भी बढ़ सकती है।
बांधों के जलभराव की स्थिति
बांध अधिकतम 26 अगस्त 24 गेट खुले
बकिया बराज 280.50 279.80 06
बीहर बराज 280.00 279.00 02
देवलोंद 341.64 341.06 03
कंट्रोल रूम में घंटिया बजती रही कर्मचारी गायब रहे
बाढ़ से निपटने के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां कई कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है लेकिन यहां के कर्मचारी शाम होने के बाद रफूचक्कर हो जाते हैं। दोपहर में जिन कर्मचारियों की यहां ड्यूटी लगाई जाती है। वह शाम को ही रफूचक्कर हो जाते हैं। रात 8 बजे के बाद यहां फोन नहीं उठता। जब नाइट शिफ्ट के कर्मचारी पहुुचंते हैं तब ही रात 10 बजे के बाद शिकायतें सुनी जाती है। इस दौरान यदि कहीं कोई आपदा आ जाए तो कोई सुनने वाला नहीं है।