रीवावासियों का इंतजार हुआ खत्म, राज्यपाल ने फीता काट कर दी बीहर रिवर फ्रंट की सौगात
बीहर नदी के किनारे बने 1600 मीटर लंबे रिवर फ्रंट को जनता को समर्पित कर दिया गया। शनिवार को मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने फीता काट कर रिवर फ्रंट का लोकार्पण किया। इसके अलावा रिवर फ्रंट का अवलोकन भी किया। इस रिवर फ्रंट को करीब 25 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। यह रिवर फ्रंट साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर तैयार किया गया है। यह रीवा के लिए लोगों के लिए बड़ी सौगात से कम नहीं है।
रीवा के लिये अनुपम सौगात है बीहर रिवर फ्रंट: राज्यपाल
रीवा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने रीवा शहर के मध्य से प्रवाहित बीहर नदी के तट पर बनाये गये बीहर रिवर फ्रंट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बीहर रिवर फ्रंट रीवा के लिये अनुपम सौगात है। उन्होंने अनुष्ठानिक रीति से मंगलाचरण के बीच शिला पट्टिका का अनावरण कर रिवर फ्रंट जनता को समर्पित किया। इससे पूर्व राज्यपाल का बीहर रिवर फ्रंट के मुख्य द्वार पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा के प्रसिद्ध सुपारी से निर्मित विन्घ्नहर्ता भगवान गणेश की प्रतिमा भेंट कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दौरान उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, संासद जनार्दन मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल, विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, विधायक मनगवां इंजी. नरेन्द्र प्रजापति, अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, भाजपा अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह, पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह, पूर्व विधायक के.पी. त्रिपाठी, कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, कलेक्टर प्रतिभा पाल, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, आयुक्त नगर निगम डॉ. सौरभ सोनवणे सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा संभ्रातजन उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने इलेक्ट्रिक कार से देखा रिवर फ्रंट
बीहर रिवर फ्रंट के लोकार्पण के उपरांत राज्यपाल मंगुभाई पटेल इलेक्ट्रिक कार में सवार होकर बीहर रिवर फ्रंट के पाथ वे से होकर पचमठा आश्रम पहुंचे। इलेक्ट्रिक कार में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने राज्यपाल महोदय को रिवर फ्रंट के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में नदी के एक किनारे में 1600 मीटर लम्बाई का रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है। बीहर नदी के अविरल जल प्रवाह को देखकर राज्यपाल अविभूत हो गये। राज्यपाल ने पचमठा आश्रम पहुंचकर माँ बीहर की पूजा अर्चना कर आरती उतारी। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने पचमठा के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैमोर पर्वत से निकली बीहर सलिला के तट पर स्थित रीवा पचमठा का इतिहास अति प्राचीन है। जगदगुरू शंकराचार्य जी ने धर्म दिग्विजय अभियान के दौरान यहां प्रवास किया था। आचार्य शंकर ने चारों दिशाओं में ज्योर्तिमठ, श्रृंगेरीमठ, गोवर्धनमठ तथा द्वारिकामठ की स्थापना की थी। उनकी परिकल्पना मध्यभारत में पाँचवे मठ की स्थापना की थी। यह पाँचवा मठ है। पचमठा में चारों मठों की प्रतिकृति बनाकर इनका इतिहास प्रदर्शित किया गया है। राज्यपाल ने पचमठा का प्राचीनतम इतिहास जानकर कहा कि यहां आकर आध्यात्मिक एकात्म के उद्वीण की अनुगूंज हृदय में स्पंदित होती है। राज्यपाल ने पचमठा आश्रम के अतिप्राचीन शिव मंदिर में पूजा अर्चना भी की।
1600 मीटर लंबा है रिवर फ्रंट
उल्लेखनीय है कि बीहर रिवर फ्रंट के प्रथम चरण का निर्माण म.प्र. ग्रह निर्माण मंडल एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा 25 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। इसके तहत नदी के बांए तट में बाबा घाट से कोतवाली घाट तक 1600 मीटर लम्बे रिवर फ्रंट में ग्रेविटी बॉल, पाथवे ग्रीन टी एरिया का निर्माण किया गया है।