भोले के भक्ति में लीन हुआ जग, श्रावण के पहले सोमवार के दिन मंदिरों में उमड़े भक्त

शिव की भक्ति में पूरा जग लीन हो गया है। श्रावण का पहला सोमवार आते ही मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। शिव के दर्शन करने सुबह से शाम तक मंदिरों में भक्तों की लाइनें लगी रही। भगवान शिव का जलाभिषेक कराने सुबह से ही भक्त मंदिरों में पहुंच गए थे। उन्हें ातूरा, बेलपत्र, फूल भी चढ़ाया।

इस श्रावण 5 सोमवार पड़ेंगे
सभी शिव मंदिरों में पहले सोमवार को रही भारी भीड़
रीवा। श्रावण मास के पहले सोमवार को जिले के शिवालयों में अलसुबह से भक्तों का सैलाब उमड़ा। शिवालयों में सुबह से शुरू हुए शिव अभिषेक और भजन कीर्तन का दौर देर रात तक चलता रहा। इस दौरान शिवालयों में कतारबद्ध लोग आगे बढऩे जोर-शोर से ओम नम: शिवाय, बम भोले, जय शिव शम्भू और हर-हर महादेव के जयकारे के साथ घंटे बजाते रहे। इस तरह के नजारे किला स्थित महामृत्युंजय मंदिर, कोठी कंपाउंड मनकामेश्वरनाथ, चिरहुला मंदिर, ओंकारेश्वर महादेवालय उर्रहट, पंचमठ धाम मंदिर में देखने को मिले, जहां दिन भर मेला जैसा नजारा रहा। इन शिवालयों में पूजन के उपरांत कई श्रद्धालुओं द्वारा भण्डारा प्रसाद वितरण का आयोजन भी कराया गया, जिसका अन्य श्रद्धालुओं ने भरपूर लाभ लिया। इस दौरान शिवालयों में पहुंचे भूखे-गरीब लोगों को भी प्रसाद वितरित किया गया। ज्ञात हो कि श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व होता है। माना जाता है इस दौरान की गई शिवजी की आराधना का फल भक्त को अवश्य मिलता है। अभिषेक से प्रसन्न होकर भगवान भक्त को इच्छित वर देते हैं। इस वर्ष श्रावण मास का आरम्भ भी सोमवार के दिन से ही हुआ, इसलिए यह सोमवार और भी खास रहा। इस कारण से भी भक्त पूरी आस्था और उल्लास के साथ शिवालयों में पहुंचे। जगह-जगह शिव-शम्भू को जल अर्पित करने कतारबद्ध रहे श्रद्धालु शिवभक्ति में लीन रहे।
मंदिर परिसर में सजीं दुकानें
नगर के शिव मंदिरों के आसपास शिव भगवान को चढऩे वाली सामाग्रियोंं की दुकानें सजी रहीं। जिसमें धतूरा, बेलपत्र, फूल, नारियल सहित अन्य सामाग्रियां शामिल रहीं। मंदिर परिसरों के पास गरीब परिवार के छोटे बच्चे फूल, बेलपत्र आदि लेकर बेचने के लिए बैठे रहे, जिन्हें भक्तजन उत्साह के साथ खरीदते रहे।
देवतालाब, विरसिंहपुर में भी रही भारी भीड़
शहर के अलावा अंचलों में गुढ़ कष्टहरनाथ मंदिर, देवतालाब मंदिर, विरसिंहपुर गैवीनाथ शिव मंदिर में भी भक्तों की आस्था देखते ही बनी। इन प्राचीन मंदिरों में तो दूर-दूर से भक्तगण जल चढ़ाने पहुंचे। मंदिर प्रांगण में दिन भर कथा, कीर्तन का दौर भी चलता रहा। घर के बड़ों के साथ मंदिर पहुंचे बच्चे भी भक्ति में मगन रहे। विशेष रूप से मंदिर परिसर की दुकानों मेें रखे खिलौने इन बच्चों का ध्यान खींचते रहे।
पांच सोमवार से सजा यह श्रावण मास
बता दें कि इस वर्ष श्रावण माह 5 सोमवार से सजा है। वर्ष 2024 में श्रावण मास का पहला सोमवार 22 जुलाई को रहा। फिर दूसरा सोमवार 29 जुलाई को, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा 12 अगस्त और पाँचवां अंतिम सोमवार 19 अगस्त को होगा। इस वर्ष यह भी विशेष है कि श्रावण मास सोमवार से आरम्भ होकर सोमवार को ही समाप्त होगा।
शास्त्रों में बताया सोमवार का महत्व
श्रावण मास में भगवान शिव को अधिपति माना गया है तो वहीं सोमवार का दिन ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा के आधिपत्य का माना गया है। जिसके देवता स्वयं शिव है इस कारण श्रावण मास में सोमवार का शास्त्रों में अत्यधिक महत्व बताया गया है। श्रावण मास के सोमवार का व्रत रहते हुए अभिषेक शिवपूजन तथा शिवार्चन करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।