प्राइवेट अस्पताल में मची है लूट, 45 का पैकेज बताकर किया भर्ती फिर पकड़ा दिया 87 हजार का बिल
प्राइवेट अस्पतालों के लूट खसोट पर रोक नहीं लग पा रही है। एक और प्राइवेट अस्पताल का मामला सामने आया है। पहले मरीज को 45 हजार में डिलिवरी कराने का पैकेज बताया गया। बाद में राशि 85 हजार रुपए पहुंचा दी गई। 35 हजार रुपए पीडि़त परिवार जमा नहीं कर पाया तो महिला मरीज को ही अस्पताल ने बंधक बना लिया है। पीडि़त ने न्याय की गुहार लगाई है।
समान थाना अंतर्गत प्रार्थना हास्पिटल का मामला
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला समान में संचालित प्रार्थना अस्पताल का है। मरीज राखी पटेल निवासी बंजारी थाना गुढ़ को परिजनों ने प्रार्थना अस्पताल में डिलिवरी के लिए भर्ती किए थे। भर्ती करने के पहले अस्पताल प्रबंधन ने 45 हजार रुपए पैकेज की बात बताई थी। इस पैकेज में सारी चीजें समाहित होना बताया गया था। बाद में नाइट चार्ज के नाम पर बिल को 50 हजार तक पहुंचा दिया गया। इसे भी परिजनों ने स्वीकार किया लेकिन जब अस्पताल से डिस्चार्ज की बारी आई तो प्रार्थना अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को 85 हजार का बिल थमा दिया। बिल की राशि देखकर उनके होश उड़ गए। परिजनों ने बढ़े हुए बिल को लेकर आपत्ति जताई। इस पर अस्पताल प्रबंधन एक रुपए का बिल भी कम करने को तैयार नहीं हुए। बिल नहीं जमा करने पर मरीज को भी डिस्चार्ज करने को तैयार नहीं हुए। महिला मरीज को अस्पताल में ही बंधक की तरह रख लिया गया है। परिजनों का आरोप है कि रुपए नहीं जमा करने पर नवजात को भी बीमार बताकर संजय गांधी अस्पताल के नर्सरी भेज दिया गया। नर्सरी ले जाने पर डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को कोई परेशानी नहीं है। वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। प्रार्थना अस्पताल प्रबंधन इस मामले में सामने नहीं आया है। यह प्राइवेट अस्पताल की लूट खसोट का पहला मामला नहीं है। रीवा के अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों पर अधिक बिल मरीजों के परिजनों पर थोपने का आरोप लगता रहा है। प्रार्थना अस्पताल में आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। इसके बाद भी इन प्राइवेट अस्पताल पर किसी तरह का नियंत्रण प्रशासन नहीं रख पा रहा है।