कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती में हो गया खेल, छुट्टी के दिन चहेतों को बुलाकर कर लिया इंटरव्यू बांकियों को पता ही नहीं चला

संजय गांधी अस्पताल में 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती होनी है। सेडमैप ने आवेदन मांगे थे। मैरिट लिस्ट तैयार नहंी किया गया और मनमानी इंटरव्यू कर डाला। इसमें मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की भी सहभागिता रही। योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर चहेते कंडीडेट को रविवार को बुलाकर इंटरव्यू कर लिया गया। औपचारिका पूरी कर कंडीडेट सलेक्ट कर लिए। वहीं कई ऐसे भी कंडीडेट थे जो पहले से काम कर रहे थे। उन्हें भी दरकिनार कर दिया गया। उन्हें इंटरव्यू का पता ही नहीं चला। कम्प्यूटर आपरेटर की नियुक्ति में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।

कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती में हो गया खेल, छुट्टी के दिन चहेतों को बुलाकर कर लिया इंटरव्यू बांकियों को पता ही नहीं चला
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रविवार को अचानक बुला लिया इंटरव्यू और चहेतों को चयनिक कर लिया
योग्य उम्मीदवारों को भनक तक नहीं लगी, कुछ पुराने कर्मचारी भी चूक गए
रीवा।  ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में अभी तक ओपीडी पर्ची का काम एनीमार्ट कंपनी को सौंपा गया था। एनीमार्ट कंपनी ही काम करा रही थी। कंपनी के पास ही कम्प्यूटर आपरेटरों की जिम्मेदारी थी। अब अस्पताल में नया सिस्टम लागू किया जा रहा है। हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम के तहत नया सेटअप बिठाया जा रहा है। इसके तहत कई काम आनलाइन किए जाएंगे। आनलाइन डॉक्टरों से अप्वाइमेंट की भी योजना इसमें शामिल की जाएगी। इसके अलावा मरीजों की जांच आदि भी सभी मरीजों के मोबाइल पर भेजी जाएगी। आनलाइन सभी का डाटा फीड किया जाएगा। इसके लिए कम्प्यूटर आपरेटरेां की भी भर्ती की जाएगी। एचएमआईएस का नया टेंडर भी हो गया है। एचएमआईएस का काम सेडमैप को मिला है। कंपनी 30 कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती करनी है। आनलाइन और आफ लाइन फार्म भी मांगे गए थे। कई सैकड़ा आवेदन पहुंचे। इसी आवेदन पर बवाल मच गया है। भर्ती के लिए आए आवेदनों के हिसाब से स्क्रूटनी कर लिस्ट ही तैयार नहीं की। मैरिट लिस्ट जारी ही नहीं की गई। मनमानी तरीके से कंपनी के कर्मचारी और श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के लिपिकों ने मिलकर रविवार को मेडिकल कॉलेज में ही इंटरव्यू आयोजित कर लिया। इसमें पहले से काम करने वाले सभी कर्मचारियों को भी शामिल नहीं किया गया। इसके कारण कई कर्मचारी इंटरव्यू से चूक गए। उन्हें मौका ही नहीं मिला। वहीं कई योग्य उम्मीदवारों ने भी चयन के लिए आवेदन किया था। उन्हें भी कॉल नहीं किया गया। इसके कारण इस पूरी चयन प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों और चिर-परिचितों को कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती करने की योजना बना ली है। इंटरव्यू के बाद कईयों को ओके कर दिया गया है। लिस्ट भी तैयार हो गई है। अब जल्दबाजी में उन्हें ज्वाइनिंग भी कराया जा रहा है।
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दागियों का भी कर लिया चयन
सेडमैप कंपनी ने जिन कम्प्यूटर आपरेटरों को चयनित किया है। उन्हें कुछ दागी भी शामिल हैं। जिन्हें सुपर स्पेशलिटी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उनका नाम फर्जीवाड़ा में आया था। मरीज के परिजन ने लिखित में शिकायत भी की थी। हालांकि जांच समिति ने लीपापोती कर दी थी। फिर भी सुपर स्पेशलिटी से उस आपरेटर को बाहर कर दिया गया था। अब उसे ही इस योजना में शामिल किया गया है। अब ऐसे में इसकी पारदर्शिता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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कंपनी ने आनलाइन आवेदन मांगा था। जिन्होंने आवेदन किया था। उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। भोपाल की गवर्नमेंट कंपनी है। कंपनी ने कुछ चयन के लिए बाध्यता तय की थी। योग्यता में जो फंस उसे ही लिया गया है। कुछ पुराने कर्मचारी है जो योग्यता में फिट नहीं हो रहे थे। उनके लिए भी कुछ विचार किया जा रहा है।
डॉ मनोज इंदूरकर
डीन, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा