बंदी की मौत पर मचा हंगामा, कई राजनीतिक लोग भी पहुंच गए, दिया धरना फिर प्रशासन को उठाना पड़ा यह कदम

संजय गांधी अस्पताल में शनिवार को भी बवाल मचा रहा। केन्द्रीय जेल में बंद बंदी की मौत के बाद परिजन पीएम के लिए तैयार नहीं हुए। कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंच गए। धरना प्रदर्शन किया। मामला बिगड़ता देख कलेक्टर ने न्यायाचिक जांच और अलग से कमेटी बनाकर मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद ही मामला शांत हुआ। परिजन भी पीएम के लिए तैयार हुए। 22 घंटे बाद मृतक बंदी का पीएम कड़ी सुरक्षा के बीच कराया गया।

बंदी की मौत पर मचा हंगामा, कई राजनीतिक लोग भी पहुंच गए, दिया धरना फिर प्रशासन को उठाना पड़ा यह कदम

कलेक्टर ने दिए न्यायिक जांच के आदेश, एक और जांच कमेटी बनाई
22 घंटे बाद माने परिजन, तब हुआ मृतक बंदी का पीएम
रीवा। ज्ञात हो कि हत्या के प्रयास मामले में केंद्रीय जेल रीवा में बंद बंदी की बीती शाम बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद बंदी प्रभाकर सिंह के भाई सुधाकर सिंह ने जेल अधीक्षक से लेकर अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया था। गंभीर आरोप लगाए थे। मृतक के भाई का आरोप था कि हर माह उनकी सुरक्षा प्रदान करने के लिए 5000 रुपए लिए जाते थे। इसके साथ ही खाने पीने के अलग से पैसे लिए जाते थे। मामले में मृतक के भाई ने  पुलिस लाइन की महिला आरआई पर भी गंभीर आरोप लगाया था। शव का पीएम कराने से इनकार कर दिया था । शुक्रवार रात से अस्पताल में लगातार तनाव की स्थिति निर्मित थी। भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। जिसके बाद शनिवार की दोपहर बाद कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने परिजनों को मामले की न्यायिक जांच कराए जाने और एक अलग से  कमेटी बनाकर केंद्रीय जेल के सभी मामलों की जांच कराए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव का पीएम करने के लिए तैयार हुए। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सांैप दिया गया है।


कांग्रेस के कई नेता भी मौके पर पहुंच गए
बंदी की मौत के बाद दूसरे दिन अस्पताल राजनीति का भी अखाड़ा बन गया। मृतक की मौत पर राजनीति शुरू हो गई। कई कांग्रेस के नेताओं ने पहुंच कर आग में घी डालने का काम किया। मौके पर ही धरना प्रदर्शन कर दिया। कांग्रेस नेताओं में मऊगंज के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना सहित अन्य नेता मौजूद रहे। काफी देर तक हंगामा चला। जांच के आदेश के बाद मामला शांत हुआ।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे
संजय गांधी अस्पताल में सुबह से ही स्थिति तनाव पूर्ण बनी रही। हालात देखते हुए अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। परिसर पुलिस छावनी बना रहा। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। तहसीलदार हुजूर, नायब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौके पर डटे रहे। पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।