रीवा के इन दो डॉक्टरों ने बीमार दिलों को दिया बूस्टर डोज, ऐसा रिकार्ड बनाया कि प्रदेश में हो गया नाम

बीमार दिलों के इलाज के मामले में अब रीवा का भी प्रदेश में नाम हो गया है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के दो डॉक्टरों ने बीमार दिलों को बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया है। ऐसे रिकार्ड तोड़ आपरेशन किए कि सभी को पीछे छोड़ दिया। अब पड़ोसी राज्यों से भी मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। कभी रीवा के लोग हार्ट का इलाज कराने दूसरे राज्यों और जिलों के चक्कर काटते थे। अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। अब बाहर के मरीज रीवा आ रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा।

रीवा के इन दो डॉक्टरों ने बीमार दिलों को दिया बूस्टर डोज, ऐसा रिकार्ड बनाया कि प्रदेश में हो गया नाम
File photo

पेसमेंकर इम्प्लांट और एंजियोप्लासी में बनाया रिकार्ड
इलाहाबाद से भी हर महीने आ रहे हैं 8 से 10 मरीज
आसपास के करीब 10 जिलों के मरीजों को मिल रहा है इलाज
रीवा। सुपर स्पेशलिटी के दो डॉक्टरों ने रीवा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचा दिया। कभी रीवा में दिल का इलाज संभव नहीं था। अब प्रदेश में नाम कमा रहा है। हार्ट के आपरेशन और इलाज के मामले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नंबर वन पर है। दिल के मर्ज की हर दवा अब यहां संभव है। कॉर्डियोलॉजी विभाग के बढ़ते दायरे ने पड़ोसी राज्यों तक अपनी दखल देना शुरू दिया है। इलाहाबाद से भी मरीज पहुंच रहे हैं। विंध्य सहित आसपास के करीब 10 जिलों से मरीज आ रहे हैं।
आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक रीवा में हार्ट के डॉक्टर ही नहीं थे। फिर संजय गांधी अस्पताल में एक डॉक्टर की पदस्थापना हुई। फिर भी मरीजों को राहत नहीं मिली। रीवा में कैथलैब जैसी सुविधा नहीं थी। मरीजों को आपरेशन और एंजियोप्लास्टी के लिए बाहर ही जाना पड़ता था। अब हालात बदल गए हैं। अब रीवा प्रदेश ही नहीं कई राज्यों तक अपनी छाप छोड़ रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कार्डियोलॉजी विभाग इलाज के मामले में बड़े बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है। अब पड़ोसी राज्यों से भी मरीज दिल का इलाज कराने रीवा आ रहे हैं। हर महीने चार से पांच मरीज इलाजबाद से रीवा आते हैं। वहीं यदि विंध्य और बुंदेलखंड की बात करें तो करीब 10 जिलों को सुपर स्पेशलिटी राहत पहुंचा रहा है। सभी के दिल का दर्द मिटा रहा है। आने वाले समय में यहां और सुविधाओं का विस्तार होने वाला है। ऐसे में न सिर्फ नए डॉक्टर मिलेेंगे बल्कि इलाज की रफ्तार भी गति पकड़ेगी।
1 साल में 3900 दिल के आपरेशन किए गए
यदि सुपर स्पेशलिटी कॉर्डियोलॉजी विभाग के रिकार्ड पर नजर डालें तो यह रिकार्ड भी आपको चौका देंगे। पिछले साल सुपर स्पेशलिटी के कार्डियोलॉजी विभाग में 3900 पेसमेकर इम्पलांट और एंजियोप्लास्टी किए गए। इसमें से एंजियोप्लास्टी के करीब 1800 मामले थे। यदि बात अस्पताल में मरीजों की भर्ती की करें तो हर दिन 10 से 15 मरीज आ रहे हैं। वहीं आईपीडी महीने की 350 तक है। इसके अलावा ओपीडी में ईसीजी 150 के करीब हो रही है। ईको हर दिन ओपीडी में 50 से 50 तक की जा रही हैं।
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इन जिलों तक रीवा के सुपर का है असर
यदि बात सुपर स्पेशलिटी के कार्डियोलॉजी विभाग की करें तो इसकी छाप कई जिलों तक है। वर्तमान समय में पड़ोसी राज्य यानि यूपी के इलाहाबाद से भी मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा रीवा, सतना, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, उमरिया, कटनी, मैहर, मऊगंज, अनूपपुर तक से मरीज सुपर स्पेशलिटी दिल का इलाज कराने आ रहे हैं। पहले यही मरीज आपरेशन और इलाज के लिए नागपुर, बनारस, जबलपुर, इंदौर जाते थे । अब इन सभी मरीजों को रीव में ही समुचित इलाज मिल रहा है।
इन दो डॉक्टरों ने दिया मरीजों के दिल को बूस्टर डोज
रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को पहचान देने में इन दो डॉक्टरों की भूमिका को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वीडी त्रिपाठी और डॉ एसके त्रिपाठी ने ज्वाइनिंग के बाद से नित नए रिकार्ड बनाए। हर दिन दिल के मरीजों की जान बचाने में नई और पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर रिकार्ड बनाया और मरीजों की जान बचाई। इनकी मेहनत का ही नतीजा है कि सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा हार्ट को दोबारा धड़काने में रिकार्ड बना चुका है। प्रदेश में नाम कमा रहा है। वर्तमान में डॉ वीडी त्रिपाठी और डॉ एसके त्रिपाठी प्रोफेसर पद पर प्रमोट भी हो गए हैं। इसके अलावा एक अन्य चिकित्सक डॉ अवनीश शुक्ला असिसटेंट प्रोफेसर के रूप में पदस्थ हैं।
अभी यह भी मिलने वाली है सौगात
सुपर स्पेलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में अभी तक सिर्फ एक ही कैथलैब मशीन मौजूद थी। काफी पुरानी होने के कारण बीच बीच में इसमें दिक्कतें आने लगी थी। यही वजह है कि डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के प्रयास से एक और कैथलैब स्वीकृत हो गई है। इस मशीन के एक या दो महीने में इंस्टाल होने की संभावना है। मशीन को स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। अप्रैल से इसकी सुविधा भी मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसे में मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
नए डॉक्टर भी तैयार करेगा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
जल्द ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कार्डियोलॉजी में डीएम कोर्स शुरू हो जाएंगे। इसके लिए श्याम शाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास आवेदन किया था। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने अनुमति दे दी है। यूनिवर्सिटी से अनुमति मिलने के बाद अब मेडिकल कॉलेज ने अगली प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। नेशनल मेडिकल काउंसलिंग के पास डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवेदन भी कर दिया गया है। फीस भी जमा कर दी गई है। एनएमसी की टीम के निरीक्षण का इंतजार है। निरीक्षण के बाद एनएमसी की हरी झंडी मिलते ही कोर्स भी शुरू कर दिया जाएगा। ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही टीम निरीक्षण करने पहुंच सकती है। यदि एनएमसी की अनुमति मिली तो पांच सीटों पर प्रवेश शुरू हो जाएगा। इससे विभाग में डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ जाएगी और यहीं से डीएम कार्डियोलॉजी तैयार होने शुरू हो जाएंगे।
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विभाग में वह सारी सुविधाएं मौजूद हैं जो एक बेस्ट संस्थान में होनी चाहिए। इक्यूपमेंट भी अब दिल्ली, भोपाल से आने लगे हैं। इंस्टंट वगैरह अच्छी क्वालिटी के आ रहे हैं। आने वाले दिनों में एक और कैथलैब शुरू हो जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल डीएम का कोर्स भी शुरू हो जाएगा।
डॉ वीडी त्रिपाठी, एचओडी
कार्डियोलॉजी विभाग, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा