रीवा में जल्द ही खुलेगा तीसरा विश्वविद्यालय

शिक्षा के क्षेत्र में रीवा तेजी से आगे बढ़ रहा है ।जल्दी यहां तीसरा विश्वविद्यालय भी खुलने वाला है। इसकी घोषणा हाल ही में मुख्यमंत्री ने रीवा दौरे के दौरान की थी । कलेक्टर ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सीएम के सचिव को पत्र लिखकर अवगत भी करा दिया है।

रीवा में जल्द ही खुलेगा तीसरा विश्वविद्यालय
कलेक्टर ने लिखा पत्र
Vindhyabulletin.com Rewa । रीवा सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में ही आगे नहीं बढ़ रहा है। शिक्षा के भी क्षेत्र में नए संस्थान खुल रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी आप यहां के युवाओं को किसी भी शिक्षा अर्जन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। विश्वविद्यालय भी पहले सिर्फ यहां एक ही था अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से ही सभी कॉलेज संबद्ध थे। इसके बाद माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की शुरुआत हो गई इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने ही भव्य भवन बनकर तैयार हुआ और यह छात्रों को प्रवेश और शिक्षा भी मिलने लगी है जल्दी यहां रेडियो स्टेशन की भी शुरुआत होने जा रही यहां से पढ़कर छात्र मीडिया के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं और रोजगार पा रहे हैं अब इन दो विश्वविद्यालय के अलावा तीसरे की भी तैयारी चल रही है । मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा भी कर दी है । रीवा में जल्द ही नया विश्वविद्यालय खुलेगा। 

इस विवि के खोलने की है तैयारी

रीवा में संस्कृत महाविद्यालय खोलने की तैयारी है। लंबे समय से रीवा के लोग संस्कृत महाविद्यालय खोले जाने की मांग कर रहे थे। राजेंद्र शुक्ला रीवा विधायक को इसका ज्ञापन भी सौंपा गया था। इसी मांग को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरा करने का ऐलान भी कर दिया है । हाल ही में रीवा दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने एसएएफ मैदान से रीवा में संस्कृत महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा भी कर दी है। घोषणा किए जाने के बाद कलेक्टर रीवा ने इससे संबंधित पत्र मुख्यमंत्री के सचिव को भी भेज दिया है।

250 साल पुराना है संस्कृत महाविद्यालय का इतिहास

वर्तमान में रीवा में व्यंकट संस्कृत महाविद्यालय जिस जगह पर संचालित हो रहा है । उसका इतिहास करीब 250 साल पुराना है। मिली जानकारी के अनुसार संस्कृत महाविद्यालय को उप काशी पीठ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी जानकारी है कि जब काशी पीठ की स्थापना हुई थी तब उसके समतुल्य रीवा में भी उप काशी पीठ के नाम से स्थापना की गई थी। यहीं पर संस्कृत से छात्रों को अध्ययन कराया जाता रहा है । यह परंपरा आज भी कायम है। वर्तमान में रीवा सहित विंध्य में जितने भी संस्कृत महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं । वह उज्जैन संस्कृत विश्वविद्यालय से संबं हैं ।