रीवा राजघराने की यह नन्ही राजकुमारी भी कर रही पिता का प्रचार, देखकर आप भी लुटा बैठेंगे प्यार

पापा की जीत के लिए राजघराने की नन्ही राजकुमारी ने भी ताकत लगाई है। अपनी प्यारी बोली से लोगों को रिझा रही है। पिता की जीत के लिए पसीने बहा रही है। लोगों से वोट मांग रही है। सिरमौर में भाजपा प्रत्याशी दिव्यराज सिंह का पूरा परिवार ही जनसंपर्क में लगा है। ऐसे में उनकी बेटी इससे खुद को कैसे दूर रख पाती। राजकुमारी भी प्रचार कर रही हैं। पिता के हक में वोट मांग रही हैं। नन्ही राजकुमारी की पिता के लिए प्रचार प्रसार की तस्वीर देखकर कोई भी गदगद हो जाएगा।

रीवा राजघराने की यह नन्ही राजकुमारी भी कर रही पिता का प्रचार, देखकर आप भी लुटा बैठेंगे प्यार
भाजपा प्रत्याशी दिव्यराज के लिए प्रचार करती बेटी

रीवा। नामांकन के बाद चुनाव चिन्ह जारी कर दिया गया है। अब चुनावी रण में उम्मीदवार कूद पड़े हैं। इस मर्तबा 116 प्रत्याशी मैदान पर हैं। सभी जीत की दावेदारी कर रहे हैं। समय कम है ऐसे में अकेले न चलकर परिवार के साथ प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इनका साथ बच्चों से लेकर बडे तक दे रहे हैं। उम्मीदवारों के घरों की हालत कुछ ऐसी है कि रसोई सम्हालने वाली गृहणियों ने पर्चा पकड़ लिया है। अब रसोई की जिम्मेदारी बावर्चियों ने सम्हाल ली है। बेटों ने पिता का साथ देने के लिए कदम से कदम मिला रहे हैं। विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एडी चोटी एक कर रहे हैं। अब देखना यह है कि किसके परिवार का साथ कि उम्मीदवार को फतह दिलाता है।
रामगरीब बनवासी के बेटा और पत्नी कर रहे प्रचार
कांग्रेस प्रत्याशी सिरमौर के रामगरीब बनवासी के साथ पार्टी के पदाधिकारी तो लगे ही हैं। साथ ही उनके घर से भी सदस्य प्रचार प्रचार में जुटे हैं। वोट मांग रहे हैं। लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं। रामगरीब बनवासी की पत्नी और बेटा भी प्रचार प्रसार कर रहे हैं। बेटा पिता और पत्नी पति के लिए वोट मांग रही हैं।
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राजघराना छोड़ गांव गांव घूम रहे
रीवा राजघराने से युवराज दिव्यराज सिंह भाजपा से सिरमौर विधानसभा में चुनाव लड़ रहे हैं। उनका साथ उनके परिवार के लोग दे रहे हैं। छोटी सी राजकुमारी सुरवंदिता कुमारी भी मैदान में है। वह अपने पिता के लिए वोट मांग रही है। पत्नी वसुंधरा भी पति के लिए पसीने बहा रही हैं। गांव गांव की खाक छान रही है। राजमहल में रहने वाले राजकुमारी और युवरानी तक पैदल घूम रही हैं। जिनके पैर तक जमीन में नहीं पड़ते उन्हें पिता के लिए  गांव की खाक छाननी पड़ रही हे। इतना ही नहीं रानी साहेबा और युवराज के ससुराल के लोग भी युवराज दिव्यराज सिंह के लिए समर्थन मांग रहे हैं।


इनकी पत्नी भी कर रही प्रचार
कांग्रेस से देवतालाब विधानसभा से प्रत्याशी पद्मेश गौतम मैदान में है। नामंाकन भरने के साथ ही जनसंपर्क करने में जुट गए हैं। उनके परिवार से भी समर्थन मिल रहा है। पत्नी भी पति का हाथ बंटा रही हैं। प्रचार प्रसार में मैदान में कूंद पड़ी हैं। चौका बर्तन छोड़कर फिलहाल पति की जीत के लिए लोगों से मुलाकात कर वोट जुटाने में लगी हैं।


बेटा दे रहा परदे के पीछे से साथ
सेमरिया से अभय मिश्रा कांगे्रस प्रत्याशी बनाए गए हैं। अभय मिश्रा वैसे तो अकेले ही क्षेत्र में भारी पर रहे हैं। पार्टी के कुछ नेता उनके समर्थन में है। क्षेत्र में भी प्रचार प्रसार में लगे हैं। इसके अलावा उन्हें घर से भी सपोर्ट मिल रहा है। बेटे ने पर्दे के पीछे से मोर्चा सम्हाल रखा है। सारी योजनाएं बेटा ही बना रहा है। पिता सिर्फ क्षेत्र में ताबड़तोड़ भ्रमण करने में जुटे हैं। भले ही बेटे की मेहनत सामने न आ रही है लेकिन असल लड़ाई में हिस्सेदार बेटा ही है।
पति क्षेत्र में दे रहे साथ, बेटा घर पर सम्हाल रहा मोर्चा
देवतालाब से सपा से प्रत्याशी सीमा सिंह भी मैदान में हैं। उनके पति जयवीर सिंह हर कदम पर साथ दे रहे हैं। क्षेत्र में दोनों पति पत्नी प्रचार प्रसार और जनंसपर्क में लगे हैं। वहीं उनका बेटा घर पर ही मोर्चा सम्हाल रहा है। बेटा घर पर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारियां निभाने का काम कर रहा है।


नागेन्द्र सिंह का पूरा घर लगा है
विधायक गुढ़ नागेन्द्र सिंह भी अकेले नहीं है। उनके साथ उनका पूरा घर चुनावी मैदान में है। बेटे से लेकर बहू तक नागेन्द्र सिंह के लिए जनसंपर्क कर रही हैं। सभी अलग अलग दल बनाकर क्षेत्र और गांवों में पहुंच कर जनसंपर्क में जुटे हुए हैं।


यह अकेले ही सम्हाल रहे मोर्चा
कुछ नेता अकेले ही मोर्चा सम्हाल रहे हैं। हालांकि कि इन्हें पार्टी और कार्यकर्ताओं को पूरा सपोर्ट मिला हुआ है। यह अकेले ही सब पर भारी पड़ रहे हैं। रीवा से कांग्रेस नेता राजेन्द्र शर्मा, भाजपा से राजेन्द्र शुक्ला अकेले ही प्रचार प्रसार में जुटे हैं। ताबड़तोड़ जनसंपर्क कर रहे हैं। इसी तरह मऊगंज में कांग्रेस प्रत्याशी सुखेन्द्र ङ्क्षसह बन्ना की भी यही स्थिति हैं। पत्नी और बच्चे नहीं है। ऐसे में वह अकेले ही मोर्चा सम्हाले हुए हैं। त्योंथर से भाजपा प्रत्याशी सिद्धार्थ को भी समर्थकों का ही सहारा है। घर से कोई साथ खड़ा नहीं है। बगावत के बाद और दूरिया बढ़ गई हैं।