मेडिकल कॉलेज से गायब हो यह लाखों रुपए का यह सामान और किसी को भनक तक नहीं लगी
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पुराने भवनों से निकला लाखों का कबाड़ का वारा न्यारा कर गए। पीआईयू के इंजीनियर कई ट्रक कबाड़ सीधे कटनी सप्लाई कर दिए। कबाडिय़ों से सांठगांठ कर लाखों रुपए ठकार गए। दिखावे के लिए सिर्फ आधा ट्रक कॉलेज के नए भवन के पीछे डंप किए हैं।
पीआईयू के इंजीनियरों ने कर दिया लाखों का गोलमाल
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज परिसर में कई पुराने भवनों को जमींदोज किया गया है। इनकी जगह पर दूसरे बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज के अकादमिक भवन से भी कई ट्रक कबाड़ निकला था। खिड़की, दरवाजों को बदला गया था। पुराने लोहे के ग्रिल और जालियां निकाली गईं थी। सारा कबाड़ गायब है। यह कबाड़ पीआईयू के इंजीनियर और ठेकेदारों ने कबाडिय़ों के साथ सीधे सांठगांठ कर बेच दिया। कई मर्तबा कॉलेज के बाहर कटनी के ट्रकों में कबाड़ को लादते हुए भी पकड़ा गया था। अब दिखावे के लिए सिर्फ आधा ट्रक कबाड़ कालोनी के बीच में और नए अकादमिक भवन के पीछे डंप किया गया है। बांकी का कबाड़ कहां गया किसी को इसकी जानकारी नहीं है। कबाड़ को नीलाम करने की प्रक्रिया भी अपनाई नहीं गई थी। कबाड़ में बड़ा खेल होना बताया जा रहा है। इसमें कईयों की संलिप्तता की बात कही जा रही है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।
यहां से निकाला गया था कबाड़
मेडिकल कॉलेज में कई भवन जमींदोज हुए। इसमें डॉक्टर कालोनी के पीछे बना टीबी वार्ड भी शामिल था। इसे जमींदोज किया गय था। यहां से ट्रकों माल निकला था। इसका भी कहीं पता नहीं चला। इसके अलावा मानसिक रोग विभाग के बगल में भी छात्रों का हास्टल बना था। इसे जमींदोज किया गया। यहां से भी कई ट्रक लोहे की खिड़कियां, जालियां और सरिया निकली थी। सब गायब कर दिया गया। इसी तरह श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए अकादमिक भवन में रेस्टोरेशन के तहत खिड़की, दरवाजे बदले गए थे। इतने बड़े अकादमिक भवन से निकली खिड़की दरवाजों की जालियों और ग्रिल की मात्रा का अंदाजा कोई भी सहज ही लगा सकता है। यहां से ही तीन से चार ट्रक माल निकला था। सब गायब है।
पीआईयू है निर्माण एजेंसी, विभाग ने ही किया खेल
मेडिकल कॉलेज में चल रहे निर्माण कार्यों की एजेंसी पीआईयू हैं। पीआईयू ही मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्य करा रही है। इसी की देखरेख में ही पूरा काम हुआ। यहां से निकला कबाड़ की कीमत 20 लाख से भी अधिक आंकी जा रही है। ऐसे में इस पूरे कबाड़ को ही अधिकारियों ने ठेकेदार और कबाडिय़ों के साथ मिलकर गायब कर दिया। मेडिकल कॉलेज में कई मर्तबा ट्रकों को खड़ा देखा गया। पुराने भवनों से निकले कबाड़ को ट्रकों में लाद कर सीधे कटनी भेजा गया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि जो कबाड़ निकला था, वह पूरा माल कहां गया और कहां रखा हुआ है।
यह है नियम
कायदे से जो पुराने भवन से कबाड़ निकला है। वह मेडिकल कॉलेज की सम्पत्ति में आता है। इसका निर्माण एजेंसी को स्टोर कराना चाहिए। इसकी जानकारी से भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को भी अवगत करना चाहिए। हालांकि किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। करीब 20 लाख का कबाड़ बेच दिया गया। इसे अधिकारियों ने कम आंका और इग्नोर कर दिया। यही वजह है कि इसका फायदा पीआईयू के अधिकारियों ने उठाया। नियमानुसार स्टोर करने के बाद कबाड़ की नीलामी की जानी थी जो भी राशि नीलामी में आती वह मेडिकल कॉलेज के खाते में जमा करानी थी। हालांकि ऐसा नहीं किया गया।