यह बेल्डिंग सिलेंडर बारूद से कम नहीं, फटेंगे तो कईयों की जाएगी जान
कलेक्ट्रेट के बाहर सड़कों के किनारे खतरनाक कारोबार चल रहा है। जगह जगह बेल्डिंग की दुकानें खोल रखी हैं। यह सिलेंडर फटे तो कईयों का जान लेंगे। पास ही बस स्टैण्ड, स्कूल और कार्यालय हैं। चपेट में आए तो कई प्रभावित होंगे। यह सिलेंडर किसी बम से कम नहीं है। पहले भी हादसे में कई घायल हो चुके हैं।
कलेक्ट्रेट, सिविल लाइन से लेकर सड़कों के किनारे खोल कर बैठे है दुकान
कई हादसे हो चुके फिर भी सबक नहीं ले रहा प्रशासन
रीवा।रीवा शहर में बेल्डिंग दुकानदार लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। बिना अनुमति अवैध तरीके से कहीं भी सड़कों के किनारे बेल्डिंग की दुकान खोल लेते हैं। इनकी दुकानें मुख्य कार्यालयों और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा देखने को मिलती है। बस स्टैण्ड के करीब दुकानें सबसे अधिक हैं। कलेक्ट्रेट के गेट, पुलिस कंट्रोल रूप में सामने, पुलिस लाइन के सामने इनकी दुकानें जमीं हुई हैं। लोक सेवा केन्द्र के पास भी यह सिलेंडर जमीन पर फिक्स किए हुए बैठे हैं जो कभी भी धमाके के साथ फट सकता है। हर समय यहां पर काफी लोग मौजूद रहते हैं। ऐसे में इस धमाके में बड़ी जनहानी भी संभव है। हद तो यह है कि जिला प्रशासन और नगर निगम ठेले, गुमटी वालों पर कार्रवाई करता है तो इस तरह के भीषण हादसे को न्यौता देने वालों पर कार्रवाई करने से क्यों बचता है।
कलेक्ट्रेट के आसपास एक दर्जन बेल्डिंग की हैं दुकानें
सिर्फ कलेक्ट्रेट के 200 से 400 मीटर की परिधि में ही एक दर्जन बेल्डिंग दुकानें मिल जाएंगी। आक्सीजन और कार्बाइड के सिलेंडर यहां एक साथ फिक्स मिलेंगे। कार्बाइड का सिलेंडर सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसे जमीन में फिक्स करके रखा जाता है। आक्सीजन और कार्बाइड के उपयोग से ही बेल्डिंग की जाती है। कार्बाइड सिलेंडर फटने से तेज धमाका होता है।
धमाके में घायल हो गए थे कई लोग
कलेक्ट्रेट के पास ही कुछ साल पहले सिलेंडर में धमका हुआ था। सड़क किनारे ही बेल्डिंग की दुकान में धमका हुआ था। इस धमाके में कई लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद प्रशासन एक्टिव हुआ था। दुकानों को हटाया गया था। अब फिर से उसी खतरनाक स्थिति पर हालात पहुंच गए हैं।