दहशत के वह 7 घंटे....जब स्कूल में कैद रहा तेंदुआ, सिर्फ दो इंच का था फांसला वर्ना महिला शिक्षक बन जाती शिकार
मंगलवार को 7 घंटे शहर तेंदुआ की धमक से खौफजदा रहा। स्कूल में घुसे तेंदुआ ने एक पुलिसकर्मी को भी घायल कर दिया। एक महिला शिक्षक शिकार होते बच गई। सिर्फ पर्दे का अंतर था वर्ना बड़ा हादसा हो जाता। महिला शिक्षक की सूझबूझ से जान बच गई। 7 घंटे बाद चिडिय़ाघर के डॉक्टर ने स्कूल पहुंच कर तेंदुआ को ट्रंकुलाइज किया। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। तेंदुआ को रेस्क्यू कर गोविंदगढ़ ले जाया गया। जहां जंगल में छोड़ दिया गया है।

दोपहर 12.30 बजे पहुंचा वन विभाग के पास फोन
वनकर्मियों पर किया हमला, एक हुआ घायल
शाम तक स्कूल के कमरे में बंद रखा गया था
रीवा। चार महीनों से शहर के आसपास गांवों में घुस कर शिकार करने वाला तेंदुआ मंगलवार को शहर के अंदर घुस गया। वार्ड 15 गुलाब नगर में संचालित इनोवटिवकान्वेंट स्कूल को निशाना बनाया। स्कूल में तेंदुआ दबे पैर घुसा। किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पर्दे के पीछे जाकर महिला शिक्षक के पास खड़ा हो गया। जैसे ही महिला शिक्षक ने पलट कर तेंदुआ को देखा। उनके होश उड़ गए। तेंदुआ ने जैसे ही सिर घुमाया और महिला शिक्षक भाग कर जान बचाई। इसके बाद वन विभाग को दोपहर 12.30 बजे सूचना दी गई। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंच गई। तेंदुआ को किसी तरह कमरे में बंद किया और चिडिय़ाघर के रेस्क्यू दल को सूचना दी गई। टीम ने पहुंच कर शाम 7 बजे तेेंदुआ को ट्रंकुलाइज किया और गोविंदगढ़ ले जाकर जंगल में छोड़ा। तब जाकर वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और रीवा के लोगों ने राहत की सांस ली।
वनकर्मियों पर कर दिया हमला
इनोवेटिव स्कूल पहुंचने के बाद वन विभाग के टीम को तेंदुआ होने पर भरोसा ही नहीं हुआ। जब टीम मौके पर पहुंची तो शिक्षकों ने बताया कि तेंदुआ बाथरूम में है। बिना तैयारी के ही डंडा पटकते हुए ड्राइवर रामकुमार मिश्रा, राहुल मिश्रा और हरिनाथ साकेत तेंदुआ की तरफ बढ़ गए। जैसे ही उन्होंने बाथरूम के अंदर देखा। वैसे ही तेंदुआ ने हमला बोल दिया। सामने रामकुमार मिश्रा फंस गए। उन्हें तेंदुआ ने पीठ की तरफ से पकड़ लिया। पंजा मार कर कपड़े फाड़ दिए और शरीर पर भी पंजे गड़ा दिए। बचने के लिए वनकर्मियों ने डंडे से हमला किया। तेंदुआ भाकर स्कूल के कमरे में घुस गया। जिसे बाहर से बंद कर दिया गया।
सीधी में थे डॉक्टर इसलिए हुई देरी
तेंदुआ को कमरे में कैद करने के बाद बारी थी उसे बेहोश करने की। इसके बाद ही तेंदुआ पकड़ में आ सकता था। इसके लिए तेंदुआ को ट्रंकुलाइज करने की जरूरत थी। चिडिय़ाघर की रेस्क्यू टीम पहुंच गई थी लेकिन डॉक्टर की कमी खल रही थी। डॉ नितिन गुप्ता एक रेस्क्यू आपेरशन को अंजाम देने सीधी के संजय गांधी डुबरी टाइगर रिजर्व गए हुए थे। वहां से आने में ही उन्हें वक्त लग गया। शाम तक डॉक्टर लौटे। इसके बाद ही तेंदुआ को ट्रंकुलाइज किया गया।
वर्ना पूरे शहर में मचा देता कोहराम
तेंदुआ की उम्र कम थी। दो से ढ़ाई साल का वयस्क तेंदुआ था। गनीमत रही कि तेंदुआ बाथरूम से भागकर कमरे की तरफ बढ़ गया। शिक्षकों ने चारों तरफ से तेंदुआ को बंद कर दिया। सभी दरवाजे बंद कर दिए गए। इसके कारण तेंदुआ एक जगह कैद होकर रह गया। यदि यहां से तेंदुआ शहर की तरफ निकल जाता तो इसे पकडऩा मुश्किल हो जाता। इतना ही नहीं पूरे शहर में तेंदुआ कोहराम मचा देता।
पर्दे के पीछे ही खड़ी थी मौत
स्कूल में अचानक तेंदुआ घुस आया था। इसकी भनक तक किसी को नहीं थी। पर्दे के इस पार स्कूल की महिला शिक्षक शशि सिंह गहरवार खड़ी थी तो उस पार तेंदुआ बैठा था। महिला ने जैसे ही तेंदुआ को बगल में देखा। उनके होश उड़ गए। वह टस से मस भी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि जैसे ही तेंदुआ पीछे की तरफ मुड़ा वह भाग खड़ी हुईं और दरवाजा बंद कर जान बचाईं।
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तेंदुआ का रेस्क्यू कर लिया गया है। अब उसे गोविंदगढ़ ले जाया जा रहा हैं। वहीं जंगल में छोड़ दिया जाएगा। तेेंदुआ वयस्क है। करीब दो से ढ़ाई साल का है।
डॉ नितिन गुप्ता, चिकित्सक
मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर, मुकुंदपुर
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तेंदुआ का रेस्क्यू कर गोंविंदगढ़ के जंगल में छोड़ दिया गया है।
अम्बुज नगर पाण्डेय
रेंजर, रीवा वन मंडल