जनजातीय छात्रावासों की अब हर हफ्ते होगा निरीक्षण, संभागस्तीय दल गठित होगी

जनजातीय छात्रावासों में छात्रों के साथ हुई घटनाओं ने शासन की नींद उड़ा दी है। यही वजह है कि अब सभी जनजातीय संस्थाओं के निरीक्षण के लिए संभाग स्तरीय दल का गठन कर दिया गया है। अब हर शुक्रवार को दल छात्रावास और संस्थाओं का निरीक्षण करेगी।

जांच के बाद निरीक्षण प्रतिवेदन पर संभागीय उपायुक्त करेंगे कार्रवाई
भोपाल। जनजातीय कार्य विभाग की सभी संस्थाओं के सघन निरीक्षण के लिये संभाग स्तरीय दल गठित किये जायेंगे। यह दल जनजातीय विद्यार्थियों के स्कूल, छात्रावासों, आश्रम शालाओं, कन्या शिक्षा परिसरों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) एवं अन्य संस्थाओं का नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे। इन दलों द्वारा दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदन पर समुचित कार्यवाही कर विभागीय संभागीय उपायुक्त हर शुक्रवार को आयुक्त, जनजातीय कार्य को पालन प्रतिवेदन देंगे। जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह के निर्देश पर आयुक्त, जनजातीय कार्य सह सचिव, मप्र स्पेशल एण्ड रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी द्वारा सभी संभागीय उपायुक्तों को इसके विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
संभागीय उपायुक्त करेंगे संभागीय दल का गठन
आयुक्त, जनजातीय कार्य ने बताया कि संभागीय उपायुक्त अपने-अपने संभाग में स्थित सभी विभागीय संस्थाओं के निरीक्षण के लिये संभाग स्तर पर एक निरीक्षण दल का गठन करेंगे। इस निरीक्षण दल में एक महिला मंडल संयोजक (नेतृत्वकर्ता), संबधित जिले के एक प्रतिनिधि के साथ ही एक सहायक कर्मचारी भी होगा। संभागीय उपायुक्त/जिलाधिकारी इस निरीक्षण दल को वाहन उपलब्ध कराएंगे। आयुक्त, जनजातीय कार्य ने बताया कि यह निरीक्षण दल विद्यार्थियों से व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनेगा एवं उनकी समस्याओं का समाधान भी करेगा।
कन्या छात्रावासों में बढ़ाई जाएगी सुरक्षा
कन्या छात्रावासों में छात्राओं की सुरक्षा के लिये उठाये गये कदमों जैसे महिला सुरक्षाकर्मी, बाऊंड्रीवॉल की उपलब्धता, अधीक्षिका की उपस्थिति आदि बिन्दुओं पर भी निरीक्षण दल विशेष रूप से निगरानी करेगा। दल विद्यार्थियों को पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के लिये प्रोत्साहित करेगा। दल द्वारा छात्राओं को महिला सुरक्षा संबंधी कानूनों, साइबर अपराधों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। निरीक्षण के दिन यह दल विद्यार्थियों के साथ भोजन भी करेगा। छात्रावास की व्यवस्थाओं के साथ ही विद्यार्थियों की अभिरुचि, भोजन, स्वास्थ्य, पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद, व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं अन्य समस्याओं के बारे में हर विद्यार्थी से अलग-अलग चर्चा करना भी इस दल का दायित्व होगा। दल यह सुनिश्चित करेगा कि विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान छात्रावास के अमले का कोई भी व्यक्ति वहाँ न रहे, ताकि विद्यार्थी खुलकर अपनी बात रख सकें।
दल की यह रहेगी जिम्मेदारी
संभाग स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा विद्यार्थियों से उनकी विषयगत रूचि एवं कैरियर संबंधी चर्चा भी करेगा। साथ ही विद्यार्थियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिये आवश्यकतानुसार काउंसलिंग करते हुए उन्हें मार्गदर्शन भी देगा। दल निरीक्षण तिथि का पूरा वक्त विद्यार्थियों के साथ ही व्यतीत कर उनकी छात्रावासी दैनिक गतिविधियों में भागीदारी भी करेगा। यह दल दिव्यांग विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देगा और उनकी समस्याओं के समाधान के बारे में अपने प्रतिवेदन में विशेष रूप से उल्लेख करेगा।
प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग के अधीन 22 हजार 913 प्राथमिक शालाएं, 6 हजार 788 माध्यमिक शालाएं, 1 हजार 109 हाई स्कूल शालाएं, 804 उच्चतर माध्यमिक शालाएं, 94 सीएम राइज स्कूल, 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, 82 कन्या शिक्षक परिसर, 8 आदर्श आवासीय विद्यालय, 183 छात्रावास, 177 आश्रम शालाएं, 26 क्रीड़ा परिसर, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिये 5 पीवीटीजी कौशल विकास केन्द्र एवं 3 जनजातीय संग्रहालय (भोपाल, जबलपुर एवं छिंदवाड़ा में) संचालित हैं।