नगर परिषद अध्यक्ष की बढ़ी मुश्किलें, भ्रष्टाचार की शिकायत पर बैठी जांच
नगर परिषद गोविंदगढ़ के अध्यक्ष की मुश्किलें बढऩे वाली है। कलेक्टर ने उनके खिलाफ की गई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जांच बैठा दी है। नगर निगम आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम शिकायतों की जांच कर 15 दिन में रिोर्ट और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।
कलेक्टर ने आयुक्त ननि की अध्यक्षता में गठित की चार सदस्यीय टीम
रीवा। आपको बता दें कि गोविंदगढ़ के वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद ज्ञानेन्द्र सिंह ने कलेक्टर रीवा से नगर परिषद गोविंदगढ़ में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। शिकायत को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। इस कमेटी में आयुक्त नगर पालिक निगम रीवा जिला शहरी विकास अभिकरण रीवा को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सदस्य के रूप में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग हुजूर रीवा, सचिव, कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा सदस्य, सहायक कोषालय अधिकारी रीवा सदस्य को शामिल किया गया है। टीम को 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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10 बिंदुओं पर की गई थी शिकायत और जांच की मांग
पार्षद ज्ञानेन्द्र सिंह ने 10 बिंदुओं पर कलेक्टर से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि अध्यक्ष ने अगस्त 2022 से अक्टूबर 2024 तक अपने चहेतों को मनमानी दर पर टेबिल टेंडर के माध्यम से गुणवत्ताहीन कार्य कराए गए। इससे निकाय को आर्थिक क्षति हुई। अध्यक्ष ने अपने चहेतों के माध्यम से हैंडपंप एवं पाइप लाइन मरम्मत कार्य बिना किसी औपचारिकताओं की पूर्ति के कराया गया है। बिना कार्य कराए भी फर्जी भुगतान किए गए हैं। अध्यक्ष ने नगरीय महिला जन प्रतिनिधि सम्मेलन 12 अगस्त 2024 जो भोपाल में आयोजित था उसमें मनमाने तरीके से अपात्र लोगों को भेजकर नियत खर्च से ज्यादा का खर्चा कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। वार्ड क्रमांक 10 स्थित इंडोर स्टेडियम के सामने रेमकी कंपनी द्वारा किराए से ली गई भूमि पर स्थित प्लाट को बिना सक्षम स्वीकृति के निकालकर बेच दिया गया। इससे उक्त राशि और रेमकी कंपनी के ऊपर बकाया किराए की राशि की क्षति निकाय को हुई है। अगस्त 2022 से अध्यक्ष ने समय समय पर अपने चहेतों को उपकृत करते हुए उनकी नियुक्ति कर अपने पद का दुरुपयोग किया गया। पीएम आवास योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली किश्तों को अनावश्यक रोककर अधिकार न होने के बाद भी फाइल पर हस्ताक्षर करने के नाम पर अवैध रूप से राशि वसूली गई। इसकी शिकयत भी सीएम हेल्पलाइन में की गई है। नगर परिषद गोङ्क्षवदगढ़ में 25 से 30 वर्षों से कार्यरत मुख्य लिपिक के पद पर ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव पदस्थ हैं जो पूरी तरह से अध्यक्ष के गलत कार्यों में सहयोगी रहते हैं। इसी वजह से अध्यक्ष द्वारा ज्वाइंट डायरेक्टर नगरीय प्रशासन संभाग रीवा द्वारा ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पर प्रभार दिलाया गया है। ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव के कार्यकाल की जांच की मांग की गई है। अगस्त 2022 से अक्टूबर 2024 तक विभिन्न पदों में किए गए भुगतान एवं भुगतान प्राप्तकर्ताओं की जांच कराकर अब तक किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराकर दंडित किए जाने की मांग की गई थी। इसी मामले में जांच बैठाई गई है।