यूपीआई वाला फ्राड: शराब खरीदते थे आनलाइन पेमेंट करने के बाद वापस खींच लेते थे रकम

आनलाइन फ्राड का एक नया खुलासा पुलिस ने किया है। इसमें हालांकि यूपीआई कंपनी में काम करने वाले युवक की फ्राड करने वाले निकले। युवक आनलाइन पेमेंट करके शराब खरीदते फिर वही राशि वापस अपने खाते में खींच लेते थे। शराब ठेकेदार की अचानक नजर पड़ी तो शिकायत थाना में की गई। पुलिस ने इस मामले में तीन अरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

यूपीआई वाला फ्राड: शराब खरीदते थे आनलाइन पेमेंट करने के बाद वापस खींच लेते थे रकम

दुकानों में पेटीएम स्कैनर लगाने का काम करते थे युवक
स्कैनर लगाने के बाद एक्सेस अपने पास रखते थे
रीवा। शहर की सिटी कोतवाली पुलिस ने अनोखे तरीके से साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साइबर ठगी करने वाले आरोपियों ने ठगी करने का एक नया तरीका निकाल रखा था। जिससे पहले तो ठगी का एहसास भी नहीं हो पता था, किंतु ठगी का पता तब चला कि जब पिछले महीने से कुछ खास ट्रांजैक्शन में लगातार पैसे रिफंड हो रहे थे। जब मॉलिक ने बारीकी से चेक किया तो पाया कि कुछ चुनिंदा व्यक्ति जो बींच बींच मे लगातार उसकी दुकान पर शराब खरीदने आते है। उनके द्वारा फोन पे के माध्यम से उन्हें पेमेंट किया जाता है, किंतु 24 घंटे के भीतर ही पेमेंट की गई राशि पुन: ग्राहक के खाते में वापस जा रही थी। उक्त माध्यम से शराब दुकानदार को लाखों रुपए का चूना लगाया गया था।  ठगी का एहसास होने पर शराब दुकान ठेकेदार निखिल सिंह ने थाना कोतवाली में मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 318(4), 3(5 )भारतीय न्याय संहिता एवं 66( डी)  आईटीआई  एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई की है।
पेटीएम कंपनी से जुड़े थे आरोपी
थाना प्रभारी जे.पी पटेल ने बताया कि आरोपी बड़े शातिर तरीके से सायबर फ्रॉड को अंजाम देते थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो शराब खरीदने के लिए ठगी करते थे।  आरोपियों ने बताया की शराब दुकान में दिन में लाखो का ट्रांजक्शन होता था , जिससे उन्हे इस बात का कतई आभाष नही था की वे पकड़े जाएंगे यही समझ कर वो आये दिन शराब खरीद कर पार्टी मनाते थे लेकिन अंतत: पकड़े गये। पुलिस ने मामले में आरोपी, प्रसून तिवारी, अंकुल तिवारी, मयंक तिवारी सभी निवासी  रीवा को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि तीनों ही आरोपी पूर्व में पेटीएम कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव का काम करते थे। जिसके यहां पेटीएम का स्कैनर लगाते थे। उसके स्कैनर का एक्सेस अपने पास रख लेते थे। फिर उसी की दुकान में अपने आदमी को भेज कर कोई खरीदारी करते थे और बाद में उसे एक्सेस के माध्यम से भेजी गई राशि को वापस रिफंड कर लेते थे। सिटी कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों से अभी लगातार पूछताछ कर रही है। आरोपियों द्वारा इस तरह से कितने लोगों के साथ ठगी की गई है, इसका पता लगाने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जा रहा है।
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