अनोखा मामाला: मां से 30 साल पहले हुआ था दुष्कर्म तब हुआ था बेटे का जन्म, कोर्ट में लड़ा और दिलाया न्याय

कोर्ट ने एक मामले में फैसला दिया है जो मिशाल बन गया है। 30 साल पहले एक किशोरी से दुष्कर्म किया गया था। दुष्कर्म के बाद किशोरी ने बेटे को जन्म दिया। बड़ा होने के बाद मां के साथ हुए दुष्कर्म की लड़ाई बेटे ने लड़ी। अदालत ने बेटे के दर्ज कराए गए मामले में फैसला दिया। दोनों आरोपियों को 10-+10 साल की सजा सुनाई है।

अनोखा मामाला: मां से 30 साल पहले हुआ था दुष्कर्म तब हुआ था बेटे का जन्म, कोर्ट में लड़ा और दिलाया न्याय
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दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 10-10 साल की सजा
दोनों ने किशोरी से की थी 30 साल पहले दुष्कर्म
शाहजहांपुर। शाहजहांपुर जिले में 30 साल पहले एक किशोरी से दुष्कर्म के मामले में एक स्थानीय अदालत ने उसके बेटे द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में बुधवार को दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव अवस्थी ने गुरुवार को पीटीआई भाषा को बताया कि वर्ष 1994 में सदर बाजार थाना क्षेत्र की रहने वाली 12 साल की एक किशोरी घर में अकेली थी, तभी मोहल्ले के दबंग नकी हसन और उसके भाई गुड्डू ने उसके साथ सामूहिक दुराचार किया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपियों ने दो साल के दौरान उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई और उसने एक बेटे को जन्म दिया। अवस्थी ने बताया कि पीडि़ता ने अपने बेटे को अपने एक रिश्तेदार के घर पर छोड़ दिया था। उसकी शादी हुई लेकिन कुछ समय बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया। अधिवक्ता ने मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि बाद में रिश्तेदार के घर छोड़ा गया बेटा उसके साथ आकर रहने लगा। उसका बेटा जब 17 साल का हुआ तो उसने अपनी मां से अपने पिता का नाम पूछा। उन्होंने बताया कि इसके बाद मां ने अपने बेटे को सारी घटना बता दी और तब बेटे ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस प्रकार अदालत के आदेश पर 2021 में दोनों आरोपियों के विरुद्ध थाना सदर बाजार में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। अवस्थी ने बताया कि डीएनए परीक्षण के बाद हसन (52) और उसके भाई गुड्डू (52) पर लगे आरोप साबित हो गए। इस पर अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लवी सिंह यादव ने बुधवार को दोनों आरोपियों को 10-10 साल की कैद और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।