जीएसटी एईबी विंग के सामने बर्तन कारोबारी ने सरेंडर किए 55.80 लाख
शुक्रवार को बर्तन व्यापारी ने जीएसटी एईबी विंग के सामने 55 लाख 80 हजार रुपए सरेंडर कर दिए। इसके बाद टीम ने कार्रवाई रोक दी। अब दुकान और फैक्ट्री से मिली कच्ची रसीद की जांच चलेगी। इसके लिए व्यापारी को नोटिस जारी किया है। 15 दिन का समय प्रमाणीकरण के लिए दिया गया है।
रीवा। ज्ञात हो कि जीएसटी एईबी ने टैक्स चोरी के संदेह पर रीवा के बर्तन व्यापारी की दुकान और फैक्ट्री में रेड मारी थी। करोड़ों रुपए कमाने वाली फर्म जीएसटी रिर्टन फाइल करने में गड़बड़ी कर रही थी। दो दुकान और एक फैक्ट्री में दबिश दी गई। चार दिन चली कार्रवाई के बाद शुक्रवार को व्यापारी अजय ताम्रकार ने टीम के सामने 55 लाख 40 हजार रुपए सरेंड कर दिए हैं। राशि सरेंडर करने के बाद सील दुकान और फैक्ट्री वापस से खोल दी गई। हालांकि टीम अपने साथ जांच के दौरान मिली कच्ची रसीदें जब्त कर वापस ले गई। जीएसटी एसईबी विंग ने व्यापारी को नोटिस जारी किया है। 15 दिनों में कच्ची रसीद का मिलान करने का समय दिया गया है। यदि व्यापारी ने रसीद मिलान के लिए पक्की रसीद उपलब्ध नहीं करा पाया तो टैक्स की राशि और अधिक बढ़ सकती है।
इन फर्मों पर की गई थी कार्रवाई
अजय इंडस्ट्री में एसी विवेक दुबे के नेतृत्व में बनाफर, मृत्युंजय और शैलेन्द्र पाण्डेय ने जांच की। अजय ब्रदर्स बर्तन दुकान में एसी राजीव गोयल के नेतृत्व में विकास, हेमंत और संजीव ने मोर्चा सम्हाल रखा था। आराधना ट्रेडर्स में एसटीओ विजय पांडे के नेतृत्व में अमित और निगम ने जांच की। इसमें दो फर्म अजय ताम्रकार की पत्नी के नाम से है। एक दुकान अजय ताम्रकार के नाम से संचालित है।
टर्न ओव्हर का था पूरा मामला
रीवा के अजय ताम्रकार जीएसटी के निशाने पर टैक्स और टर्न ओव्हर के चक्कर में निशाने पर आए । तीनों फर्मों से जीएसटी रिटर्न में सिर्फ 6 से 7 करोड़ का ही सालभर का टर्नओव्हर दिखाया जाता रहा। जबकि इंडस्ट्री होने के कारण टर्न ओव्हर कहीं और अधिक है। इसके अलावा यह उद्योग से अपनी दुकान में भी बर्तन की सप्लाई करते हैं। ऐसे में खुद की दुकान में बर्तन बेंचकर भी दस्तावेजों में हेरफेर कर सकते हैं। किताबें बेंचने का भी मामला पकड़ा गया था। इसी की जांच की गई।
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कार्रवाई पूरी हो गई है। दुकान संचालक ने 55 लाख रुपए सरेंडर कर दिए हैं। दुकान और फैक्ट्री खोल दी गई है। कच्चे बिल मिले हैं। उस पर नोटिस जारी किया गया है। 15 दिन में जवाब मांगा गया है।
उमेश त्रिपाठी
डिप्टी कमिश्नर, जीएसअी एईबी विंग सतना