केरल में मौसम का कहर, तेज बारिश से 4 लैंडस्लाइड हुई, 125 से ज्यादा की मौत, कई घायल
केरल के वायनाड में तेज बारिश के करण चार जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। इस हादसे में 125 लोगों के मौत की सूचना सामने आ रही है। कई सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। कई लोग लापता। राहत और बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ कीटीम लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में लगी है। आर्मी के 225 जवानों को भी वायनाड के लिए कन्नूर से रवाना कर दिया गया है। एयरफोर्स के 2 हैलीकाप्टर भी रेस्क्यू अभियान में जुटा हुआ है। अभी मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं।
घर, पुल, सड़कें और गाडिय़ां बह गईं
लैंडस्लाइड में चार गांव बह गए, राहत बचाव कार्य जारी
वायनाड। केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में 4 गांव बह गए। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाडिय़ां भी बह गईं। अब तक 125 लोगों की मौत हो चुकी है। 116 अस्पताल में हैं, जबकि 98 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेजे गए, लेकिन बारिश के चलते उन्हें कोझिकोड लौटना पड़ा। सेना की स्पेशल डॉग यूनिट के ट्रेंड डॉग्स, जिनमें बेल्जियन मैलिनोइस, लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसी नस्लें शामिल हैं, वायनाड में भूस्खलन प्रभावित मेप्पाड़ी के लिए रवाना किए गए हैं। इधर केरल सरकार ने इस हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस बीच मौसम विभाग ने राज्य के 8 जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस वजह से कल इन जिलों के शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला किया गया।
मुंडक्कई गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
वायनाड का मुंडक्कई गांव लैंडस्लाइड की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां चूरलमाला को मुंडक्कई से जोडऩे वाला पुल बह गया है, जिससे क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। एनडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम पैदल चलते हुए यहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। मुंडक्कई में करीब 250 लोगों के फंसे होने की खबर है। यहां कई घर बह गए है। यहां 65 परिवार रहते थे। यहीं पास के एक टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं। वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।