सीएमएचओ ने यह क्या कर डाला, डॉक्टर को बचाने के चक्कर में नर्स पर फर्जी कार्रवाई कर डाले
त्योंथर सिविल अस्पताल में एक आदिवासी की मौत के मामले में सीएमएचओ ने फर्जी कार्रवाई कर डाली। डॉक्टर को बचाने के चक्कर में उन्हीं की अनुसंशा पर नर्स पर गाज गिरा दी। पीडि़तों ने एफआईआर में नर्स को ही ड्यूटी में मौजूद होने की जानकारी दी थी। वहीं सीएमएचओ ने नर्स को नदारद बताते हुए नोटिस थमाने के साथ ही जवा स्थानांतरित कर दिया है। पूरी कार्रवाई पर लीपापोती की जा रही है।
त्योंथर सिविल अस्पताल में मरीज की मौत मामले में लीपापोती शुरू
परिजन डॉक्टर पर कार्रवाई चाह रहे थे और सीएमएचओ ने नर्स को बली का बकरा बना दिया
डॉक्टर ने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया, जवाब का इंतजार कर रहे
रीवा। त्योंथर सिविल अस्पताल के बीएमओ की लापरवाही से मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले में डॉक्टर को बचाने के लिए अब पूरा महकमा जुट गया। वहीं मरीज को भर्ती करने वाले नर्स को ही बली का बकरा बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है। परिजनों ने नर्स को अस्पताल में मौजूद बताया तो वहीं सीएमएचओ ने नदारद बताते हुए नोटिस जारी कर दिया। तुरंत सिविल अस्पताल से हटाने की कार्रवाई भी कर दी गई। कुल मिलाकर मामले में लीपापोती की जा रही है।
ज्ञात हो कि थाना सोहागी अंतर्गत ग्राम चुनरी निवासी हेतलाल आदिवासी पिता बुधई उम्र 58 वर्ष की बतीयत बिगड़ गई थी। बेटा राजकुमार आदिवासी पिता को लेकर शाम करीब 6.40 बजे लेकर त्येांथर सिविल अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में सिर्फ नर्स प्रीतू मिश्रा मौजूद थीं। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वह डॉक्टर को बुलाने उनके कमरे में गया। डॉ आरके पाठक इस दौरान अपने कमरे में ही थे। काफी देर बाद वह पहुंचे लेकिन मरीज को हाथ नहीं लगाया। नर्स प्रीतू मिश्रा से ही बीपी आदि चेक किए। जेलको लगाने के लिए कहा फिर वहां से चले गए। बाद में डॉ अखिलेश सिंह आए। उन्होंने मरीज को चेक करनेे के बाद मृत घोषित कर दिया। हद तो यह है कि डॉ पाठक त्योंथर सिविल अस्पताल में बीएमओ भी हैं। मरीज जब अस्पताल पहुंचा तब अस्पताल में कोई भी मौजूद नहीं था। डॉक्टर पाठक की लापरवाही से मरीज की जान चली गई। दूसरे दिन परिजनों ने एसडीएम बंगला के बाहर धरने पर बैठ गए थे। तब कलेक्टर ने 24 घंटे के अंदर दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। दो दिन मामले को बीत गया। अब तक दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई। वहीं इस मामले में लीपापोती शुरू कर दी गई है। सीएमएचओ ने ड्यूटी में तैनात नर्स को ही नोटिस जारी कर दिया। इतना ही नहीं इनका स्थानांतरण भी सीएचसी जवा कर दिया गया है।
जिसकी लापरवाही से गई जान उसी की अनुशंसा पर हटाया
हद तो यह है कि सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉ आरके पाठक को एक तरफ नोटिस जारी किया जा रहा है। लोगों का गुस्सा डॉ आरके पाठक पर फूट रहा तो वहीं दूसरी तरफ संवदा नर्सिंग आफीसर पर कार्रवाई भी सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ला ने उन्हीं की अनुसंशा पर की है। यह कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आ गई है। आपको बता दें कि डॉ आरके पाठक के पास मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी का भी प्रभार हैं। सिविल अस्पताल त्योंथर में भी वह पदस्थ हैं। ऐसे में उनके कहने पर नर्स प्रीतू मिश्रा पर कार्रवाई किया जाना पूरे मामले को दबाने जैसा है।
यह भी लगा है आरोप
हेतलाल आदिवासी की मौत सिर्फ आधे घंटे में हो गई। उल्टी दस्त के कारण उसकी मौत हुई। आधे घंटे तक वह बिना इलाज के ही अस्पताल में पड़ा रहा। डॉक्टर मौजूद नहीं थे। जब डॉक्टर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो गई थी। सिविल अस्पताल त्येांथर में सीसीटीवी लगा हुआ है। इसमें सारी करतूत डॉक्टरों की मौजूद हैं। हेतलाल की मौत के बाद डॉक्टर ने सबसे पहले सीसीटीवी के रिकार्ड मिटाए। पूरी रिकार्डिंग को उन्होंने डिलीट कर दिया। इसके बाद लोगों को इसकी भरक लगी तो रिकार्डिंग रूम को पंचनामा बनाकर सील कर दिया गया है। अब किसी एक्सपर्ट का इंतजार है। जिससे रिकार्डिंग वापस रिकवर की जा सके।
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डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है। जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। सोमवार तक शायद जवाब आ जाए। नर्स प्रीतू मिश्रा ड्यूटी में थी लेकिन उस दौरान मौजूद नहीं थी। इसलिए कार्रवाई की गई है। पुलिस के एफआईआर में क्या लिखा है इसकी जानकारी नहीं है। जो बताया गया उसी आधार पर कार्रवाई की गई है।
डॉ संजीव शुक्ला
सीएमएचओ, रीवा