इस सरकारी मैडम की कारस्तानी सुन कर रह जाएंगे दंग, स्कूल में यह करामात की थी पकड़ी गईं

जिला शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में एक शिक्षक का बड़ा कारनामा पकड़ा गया। शिक्षक खुद स्कूल नहीं जा रहा था। अपनी जगह किराए के शिक्षक को नियुक्त कर रखा था। किराए का शिक्षक ही स्कूल में रेग्युलर शिक्षक की खानापूर्ति कर रहा था। यह चोरी पकड़ी गई है। डीईओ पहुंचे तो स्कूल में किराए का शिक्षक पढ़ाते हुए मिल गया। पूछताछ में पोल खुल गई। अब कार्रवाई की तैयारी है।

इस सरकारी मैडम की कारस्तानी सुन कर रह जाएंगे दंग, स्कूल में यह करामात की थी पकड़ी गईं

रीवा। जिला शिक्षा अधिकारी ने शनिवार को शासकीय प्राथमिक शाला खम्हरिया का औचक निरीक्षण किया। यहां निरीक्षण में डीईओ गंगा प्रसाद उपाध्याय का साक्षात्कार किराये के शिक्षक से हो गया, जो नियमित शिक्षक सरिता देवी मिश्रा की जगह विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहे थे। डीईओ के पूछने पर किराये के शिक्षक अजय ङ्क्षसह बघेल ने बताया कि इसके लिए उन्हें 15सौ रुपये महीना मैडम द्वारा दिया जाता है। अजय द्वारा विगत एक वर्ष से इस प्रकार विद्यालय में अध्यापन कार्य किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि शाला के बच्चों और गांव के लोगों ने भी की। जबकि नियमित शिक्षक सरिता महीने में दो-चार दिन के लिए ही शाला आती हैं। डीईओ को जानकारी मिली कि शाला के बच्चों को नियमित मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल रहा। सप्ताह में केवल एक-दो दिन ही मध्यान्ह भोजन का वितरण हो रहा है। शाला में इस तरह की गतिविधियों पर डीईओ ने नाराजगी व्यक्त कर ठोस कार्यवाही की बात कही है।
मैडम ने तो हद ही पार कर दी
हद तो यह है कि पिछले एक साल से किराए का शिक्षक महिला शिक्षक की जगह स्कूल पहुंच रहा था। रेग्युलर पढ़ा भी रहा था। यहां जेंडर ही बदल गया लेकिन किसी ने इसके खिलाफ आपत्ति दर्ज नहीं की। स्कूल के हेडमास्टर ने भी आपत्ति दर्ज नहीं की। एक साल से प्राथमिक शाला खम्हरिया में पदस्थ महिला शिक्षक सरिता सिंह आती ही नहीं। सिर्फ हस्ताक्षर करने ही स्कूल पहुंच रही थीं। अब जाकर इनका भांडा फूटा है।
यहां के हेडमास्टर भी मिले गायब
इसके अलावा, डीईओ ने शनिवार को शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भोलगढ़ का भी जायजा लिया। दोपहर साढ़े 12 बजे प्रभारी प्रधानाध्यापक अतुल खरे विद्यालय से गायब मिले, जो उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने के बाद विद्यालय से निकल लिये। वहीं, माध्यमिक शिक्षक सरिता लक्षकार मोबाइल पर वार्तालाप करते पाये गईं। शिक्षकों द्वारा दैनंदिनी नहीं बनाई गई और न ही, नियमित अभ्यास पुस्तिका की जांच की जाती। मध्यान्ह भोजन भी छात्रों के अनुपात में कम मिलने की जानकारी डीईओ को मिली, जिस पर उन्होंने सुधार की हिदायत संबंधितों को दी है।