सेना के जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, शहीद को नम आंखों से हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई

युद्ध अभ्यास के दौरान घायल हुए रीवा के लाल का इलाज के दौरान निधन हो गया। निधन के बाद रीवा के लाल का पार्थिव शरीर सेवा के जवान गांव लेकर पहुंचे। शहीद जवान का अंतिम दर्शन करने हजारों लोग एकजुट हुए। नम आंखों से लोगों ने जवान को अंतिम विदाई दी। सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

मढ़ी खुर्द में पसरा मातम, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया अंतिम संस्कार
रीवा। सेना में ड्यूटी के दौरान युद्धभ्यास के दौरान हुए हादसे के वक्त तीन जवान टैंकर में मौजूद थे, जिसमे दो जवान किसी तरह बाहर निकल आए जबकि रीवा का लाल जिंदगी की जंग हार गया। रीवा के मढ़ी खुर्द के लाल अजय विश्वकर्मा के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद जवान का अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सेना के अधिकारियों के साथ ही मनगवां विधायक के साथ प्रशासनिक अधिकारी व  बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जनसमूह मौजूद रहा।अजय विश्वकर्मा पिता संतेद्र विश्वकर्मा  भारतीय सेना की 119 असॉल्ट इंजीनियर रेजीमेंट में तैनात थे। शनिवार को जैसे ही उनका पार्थिव शरीर सेना के विशेष वाहन से उनके गृहग्राम मढ़ी खुर्द पहुंचा, गांव में मातम पसर गया। शनिवार रात से ही जनता अपने लाल के आखरी दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। ग्रामीणों ने  पुष्पवर्षा के साथ भारत माता की जय, वंदे मातरम वीर अजय अमर रहे जैसे नारे लगाकर अपने लाल को नम आखों से अतिम विदाई दी।
देशभक्ति का था जुनून
शहीद अजय की प्रारंभिक शिक्षा मढ़ी खुर्द में शासकीय विद्यालय से हुई थी। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी उन्होंने मनगवां से पूरी की। स्कूल के शिक्षक रमेश तिवारी बताते हैं, अजय पढ़ाई में तेज होने के साथ ही व्यवहार में विनम्र और अनुशासनप्रिय छात्र था। वह बचपन से ही कहता था कि सेना में जाकर देश की सेवा करेगा। उनका सपना 2015 में साकार हुआ जब वे सेना में भर्ती हुए। उन्होंने बेहद निष्ठा और परिश्रम से अपने कर्तव्यों का पालन किया। उनके बड़े भाई अमित विश्वकर्मा भी सेना में सेवारत हैं, और पिता सतेंद्र विश्वकर्मा गांव में सामान्य कार्य करते है।
सैनिकों ने दिया गार्ड ऑफ आर्नर
शहीद जवान अजय का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ किया गया। सेना की विशेष टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी। सूबेदार सत्यानारायण शर्मा के नेतृत्व में सेना के जवानों ने पूरे सम्मान के साथ अपने साथी को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय विधायक, जनपद सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। जनप्रतिनिधियों ने घोषणा की कि शहीद की स्मृति में गांव में स्मारक और उनके नाम पर विद्यालय का नाम रखा जाएगा।