विवि ने खड़ी की दीवार तो अतिक्रमणकारियों ने किया हंगामा, पुलिस बुलानी पड़ी

अवधेश प्रताप सिंह विवि अपनी जमीन बचाने की कोशिशों में जुटा है। अब एमबीए भवन के पीछे दीवार खड़ी की जा रही है। इसकी शुरुआत सोमवार को की गई तो हंगामा मच गया। अतिक्रमणकारियों ने निर्माण का विरोध किया। मौके पर जमकर बवाल बचा।

विवि ने खड़ी की दीवार तो अतिक्रमणकारियों ने किया हंगामा, पुलिस बुलानी पड़ी
file photo

28 अतिक्रमणकारियों बाउण्ड्री की जद में फंस रहे, यह सब हटेंगे
रीवा। ज्ञात हो कि अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय की कई एकड़ भूमि अतिक्रमण की भेेंट चढ़ गई। सैकड़ों एकड़ भूमि का विवि के नाम नामांतरण नहीं कराया गया। इसके कारण पुर्व के भूमि स्वामियों ने जमीन बेच डाली। जब तक विवि को होश आया तब तक देर हो गई। अब विवि होश में आया है। सीमांकन के बाद सरहद पर दीवार खड़ी की जा रही है। एमबीए बिल्डिंग के पीछे विवि की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। 28 लोगों को अतिक्रमणकारियों की लिस्ट में चिन्हित किया गया है। इन्हीं अतिक्रमणकारियों को विवि की जमीन से बाहर करने और अतिक्रमण को रोकने के लिए दीवार खड़ी करने का विवि प्रबंधन ने निर्णय लिया है। इसी के तहत सोमवार को दीवार खड़ी किए जाने की शुरुआत की गई। एमबीए बिल्डिंग के पीछे से बाउण्ड्री वाल का निर्माण शुरू कराया गया।  55 लाख रुपए की लागत से 600 मीटर का निर्माण होना है। बाद में आगे बढ़ाने के लिए राशि स्वीकृत होने पर काम होगा। 600 मीटर दीवार खड़ी किए जाने का ठेकेदार ने जैसे ही काम शुरू किया। वैसे ही 13 अतिक्रमणकारियों ने मौके पर हंगामा मचा दिया। कार्यों का विरोध करने लगे। इन अतिक्रमणकारियों ने विवि की जमीन पर मकान बना रखा है। यह सभी फंस रहे हैं। इनके निर्माण टूटेंगे। यही वजह है कि विरोध किया गया। कई घंटे हंगामा मचा रहा। प्रबंधन ने पुलिस की मदद मांगी। मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी पर निर्माण कार्य शुरू कराया गया।
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फिलहाल 13 फंस हैं अतिक्रमणकारी
वर्तमान में एमबीए बिल्डिंग के पीछे 600 मीटर दीवार का निर्माण किया जाना है। सिर्फ 600 मीटर की दीवार में ही 13 अतिक्रमणकारी फंस रहे हैं। इन 13 में से एक ने पक्का निर्माण कर रखा है। शेष ने सिर्फ अतिक्रमण किया हुआ है। कच्ची दीवार, मकान बना रखी है। वहीं यदि बात 28 अतिक्रमणकारियों की करें तो इनमें से 4 ने अवैध तरीके से पक्का निर्माण किया हुआ है। यह सभी फसेंगे। फिलहाल 600 मीटर बाण्ड्री का ही निर्माण हो रहा है। आगे राशि स्वीकृति होती जाएगी और निर्माण बढ़ता जाएगा।