सरकारी सिस्टम की खामी फिर आई सामने
शहडोल।
इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना शहडोल जिले के बुढ़ार ब्लॉक के चिटूहला गांव की है। सरकारी सिस्टम की खामी के कारण कैलाश कोल को अपनी मां के पार्थिव शरीर को मालवाहक रिक्शे पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। दरअसल कैलाश कोल की 70 वर्षीय मां की कुएं में डूबने से मौत हो गई थी । मौत के बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल शव ले जाने को पुलिस ने कहां था। शव ले जाने के लिए पुलिस ने वाहन की व्यवस्था नहीं कराई कैलाश कोल पहले इधर उधर भटकता रहा। जब उसे शव वाहन नहीं मिला तब वह मां के शव को एक रिक्शा में रखकर ले जाने को मजबूर हो गया। करीब 5 किलोमीटर का सफर तय कर आबादी के बीच से बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा । जहां पहले शव का पोस्टमार्टम कराया। उसके बाद भी उसे शव वाहन नहीं मिला। फिर शव वाहन न मिलने से कैलाश ने उसी रिक्शे में अपनी मां का शव रखकर गांव वापस लौटा।
स्वास्थ्य विभाग से बात करेंगे
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मनीषा सिंह का कहना है की यह चिटूहला वाला मामला मुझे मालूम नहीं था आपने ही बताया है, निश्चित तौर पर इसमें में स्वास्थ्य अधिकारियों से बात करूंगी ऐसी समस्या लोगों को क्यों आती है। आप समय पर वाहन उपलब्ध कराएं। जब आपके पास शव वाहन उपलब्ध है, जब आपके हर जगह स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन उपलब्ध है, तो उसका लाभ लोगों को क्यों आसानी से नहीं मिल पा रहा है स्वास्थ विभाग में यह कमियां है, जिसके लिए कड़ाई से बात करनी पड़ेगी।
कई मर्तबा सामने आ चुकी है ऐसी तस्वीरें
मध्य प्रदेश में ऐसी तस्वीरें कई बार सामने आ चुकी है लाचार और गरीब लोग अपने परिजनों के शव साइकिल में, खटिया में, कंधों पर कई किलोमीटर तक ले जाने को मजबूर होते हैं , लेकिन उन्हें शव वाहन उपलब्ध नहीं हो पाता। लोग तमासबीन बने रहते हैं लेकिन ऐसे लोगों की मदद के लिए भी सामने नहीं आते। सरकार सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है फिर भी जिम्मेदार लापरवाह बने रहते हैं।