विश्व रक्तदाता दिवस: एसजीएमएच के जूनियर और सीनियर डॉक्टरों ने किया रक्तदान, कर्मचारी भी आगे आए

14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस पर संजय गांधी अस्पताल में शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर में डॉक्टरों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। जूडा अध्यक्ष और अधीक्षक सहित कई डॉक्टरों ने शिविर में पहुंच कर रक्तदान किया। मेडिकल कॉलेज डीन ने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया। जिला अस्पताल में भी रक्तदान हुआ। 4 जूनिट ब्लड जुटाया गया।

विश्व रक्तदाता दिवस: एसजीएमएच के जूनियर और सीनियर डॉक्टरों ने किया रक्तदान, कर्मचारी भी आगे आए

रीवा। ज्ञात हो कि 14 जून का रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने संजय गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। रक्तदान शिविर दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया गया। इस शिविर में डॉक्टरों के अलावा आम नागरिकों को भी रक्तदान करने के लिए आमंत्रित किया गया था। रक्तदान शिविर में संजय गांधी अस्पताल के जूनियर और सीनियर डॉक्टरों ने सहभागिता निभाई। इसके अलावा कर्मचारियों ने भी पहुंच कर रक्तदान किया। लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए जूडा अध्यक्ष डॉ आशय द्विवेदी, संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा ने रक्तदान किया। लोगों में रक्तदान के प्रति जो भी भ्रांतियां है। उन्हें डॉक्टरों ने रक्तदान कर दूर किया। इसके अलावा डॉ अनुराग चौरसिया, डॉ उमेश पाठक के अलावा मुकेश परसाई, आशीष तिवारी ने भी रक्तदान किया। संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने शिविर के माध्यम से ब्लड बैंक के लिए 26 यूनिट ब्लड जुटाया। रक्तदान शिविर में डीन डॉ सुनील अग्रवाल भी पहुंचे। उन्होंने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया। रक्तदान शिविर में ब्लड बैंक के  डॉ राकेश धनकर, डॉ श्रुति श्रीवास्तव, डॉ देवांशी खरे, डॉ रिफत कुरैशी, डॉ यूआर सिंह, गुलाब सिंह, जय प्रकाश ङ्क्षसह, दीपक पाण्डेय आदि का विशेष योगदान रहा।
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रक्तदान एक महादान है। रक्तदान के विषय में बहुत सी भ्रांतियां समाज में फैली है। जिनके कारण लोग रक्तदान से डरते हैं। रक्तदान मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोगों में डिप्रेशन और एंजायटी जैसी समस्याओं की संभावना कम होती है।
डॉ उमेश पाठक
मनोचिकित्सक, मेडिकल कॉलेज रीवा
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5वीं बार रक्तदान किया हूं। रक्तदान से बढ़ा कोई दान नहीं है। इसके पहले भी लोगों को जब खून की जरूरत पढ़ी है। तब अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया हूं। रक्तदान से किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है। सभी को मौका मिलने पर यह दान करना चाहिए।
आशीष तिवारी
रक्तदाता