भूमाफिओं का कारनामा जान कर रह जाएंगे दंग, नहर ही पाट कर कर दी प्लाटिंग और बेच डाले
बाण सागर ने नहर के लिए किसानोंं से भूमि अधिग्रहित की। मुख्य नहर से माइनर नहर निकाली। अब वह सारी माइनर नहर गायब हो गई। भूमाफियों ने नहर पाट कर मैदान बना दिया है। प्लाटिंग कर जमीन बेचने लगे हैं। करोड़ों रुपए की जमीन गायब हो गई है.
माइनर नहर ही गायब कर दी, टिकुरी, मझिगवां, अजगरहा, करहिया में गायब कर दी जमीन
सामाजिक कार्यकर्ता ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से की शिकायत
रीवा. मुख्यालय से सटे गांव टिकुरी, मझिगवां, इटौरा, अजगरहा, करहिया के किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने बाण सागर की नहर पहुंचाने के लिए माइनर नहर बनाई थी। इन माइनर नजर का वजूद ही खत्म हो गया। भूमाफिओं ने माइनर नहर को पाट डाला है। नहर की जमीन ही गायब कर दी गई है। बकायदा प्लाटिंग की जा रही है। ताजा मामला ग्राम पंचायत टिकुरी का सामने आया है। टिकुरी अंतर्गत ग्राम मझिगवां में बाण सागर की नहर भूमाफिओं ने पूरी तरह से बराबर करके नहर की जमीन को ही बेचने लगे हैं। इसकी सूचना हल्का पटवारी को भी दी गई है। संबंधित जलसंसाधन विभाग के एसडीओ, सब इंजीनियर को भी इसकी सूचना दी गई है। इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। सभी अधिकारी कुंभकरणी नींद में सोये हुए हैं।
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फिर से बेचने लगे हैं जमीन
ग्राम पंचायत टिकुरी अंतर्गत ग्राम मझिगवां में नहर के तट पर एक तरफ प्रधानमंत्री रोड बन चकी है। नहर की चौड़ाई 20 मीटर करीब 60 फीट से ज्यादा है। नहर व दूसरे तट को खोद कर भूमाफिओं ने प्लाटिंग कर ली है। इस प्लाटिंग को बेचा भी जा रहा है। जल संसाधन विभाग ने किसानों से करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी थी लेकिन नामांतरण नहीं कराया। विभाग के नाम जमीन नहीं होने से अभी भी भूमिस्वामी किसान ही हैं। यही वजह है कि इन जमीनों की दोबारा से बिक्री शुरू हो गई है।
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शिकायत करके भूल गए अधिकारी
ऐसा ही मामला करहिया का भी सामने आया है। करहिया के सामने से एक सड़क बोदाबाग के लिए निकली हैं। इसी मार्ग पर विद्युत विभाग का सब स्टेशन भी है। सड़क के मोड़ पर ही एक विवाह घर खोला गया है। गिरिराज विवाह घर के संचालक ने भी बाण सागर की माइनर नहर को पाट कर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने राजस्व विभाग में की थी। इसके बाद फिर कोई खोज खबर लेने नहीं पहुंचे। यही वजह है कि इस पर कोई एक्शन ही नहीं हुआ। करोड़ों रुपए की जमीन यूं ही चली गई।
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अजगरहा, सोनौरा, बरा में भी यही हाल
रीवा के सटे अजगरहा, सोनौरा और बरा में भी यही हाल है। माइनर नहर इन गांवोंं से होकर निकाली गई थी। सभी माइनर नहरों को पाट दिया गया है। अब कहीं भी नजर नजर ही नहीं आती। इस नहर की जमीन पर बड़े बड़े घर खड़े हो गए हैं। नहर गायब कर दी गई है। जल संसाधन विभाग ने भी अपने भूमि की सुध लेना छोड़ दिया है।
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बाण सागर की माइनर नहर को भूमाफिओं ने पाट कर प्लाटिंग कर दी है। इसकी सूचना जलसंसाधन विभाग के एसडीओ, सब इंजीनियर को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। भूमाफिया ने प्लाटिंग कर बिना रेगुलेशन नियम के तथा राजस्व विभाग की अनुमति के प्लाटिंग कर बिक्री शुरू कर दी है।
बीके माला
अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता