Home Loan: फ्लैट या घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जान लीजिये EMI से जुड़ी ये जरूरी बातें
रोटी, कपड़ा और मकान एक आम आदमी के जीवन में इन तीन चीजों का होना बहुत महत्व रखता है। एक अच्छी नौकरी करने के बाद रोटी, कपड़े का जुगाड़ तो आसानी से हो जाता है। लेकिन मकान के लिए उसे बहुत इंतजार करना पड़ता है। खासकर ऐसे लोगों को जिनकी सैलरी बहुत कम होती है। लेकिन आज कल होम लोन की सुविधा ने बहुत कुछ आसान कर दिया है। अगर आप भी होम लोन पर घर या फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो एक बार इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। इन दिनों इस बात की खूब चर्चा होती है कि घर खरीदना चाहिए या नहीं? क्या किराये पर ही रहने में फायदा है? दरअसल, घर खरीदना या किराये पर रहना, दोनों फैसले आपकी आमदनी पर निर्भर करता है। आपको घर लेने का फैसला करने से पहले अपने बजट को देखना होगा। आजकल मेट्रो सिटी में घर का सपना पूरा करने के लिए लोग होम लोन लेते हैं और सालों तक उसकी EMI चुकाते हैं। कुछ लोग डाउन पेमेंट में अपनी पूरी बचत लगा देते हैं या फिर घरवालों से उधार ले लेते हैं। ऐसी स्थिति में उनके कंधों पर EMI के साथ उधार का कर्ज भी चढ़ जाता है।
रोटी, कपड़ा और मकान एक आम आदमी के जीवन में इन तीन चीजों का होना बहुत महत्व रखता है। एक अच्छी नौकरी करने के बाद रोटी, कपड़े का जुगाड़ तो आसानी से हो जाता है। लेकिन मकान के लिए उसे बहुत इंतजार करना पड़ता है। खासकर ऐसे लोगों को जिनकी सैलरी बहुत कम होती है। लेकिन आज कल होम लोन की सुविधा ने बहुत कुछ आसान कर दिया है। अगर आप भी होम लोन पर घर या फ्लैट खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो एक बार इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए।
इन दिनों इस बात की खूब चर्चा होती है कि घर खरीदना चाहिए या नहीं? क्या किराये पर ही रहने में फायदा है? दरअसल, घर खरीदना या किराये पर रहना, दोनों फैसले आपकी आमदनी पर निर्भर करता है। आपको घर लेने का फैसला करने से पहले अपने बजट को देखना होगा। आजकल मेट्रो सिटी में घर का सपना पूरा करने के लिए लोग होम लोन लेते हैं और सालों तक उसकी EMI चुकाते हैं। कुछ लोग डाउन पेमेंट में अपनी पूरी बचत लगा देते हैं या फिर घरवालों से उधार ले लेते हैं। ऐसी स्थिति में उनके कंधों पर EMI के साथ उधार का कर्ज भी चढ़ जाता है।
वित्तीय जानकार बताते हैं कि घर खरीदना एक सामान्य फॉर्मूला है कि होम लोन की EMI आपकी सैलरी का अधिकतम 20 से 25 फीसदी हिस्सा ही होना चाहिए। अगर आपकी सैलरी 1 लाख महीना है तो आप 25 हजार तक की EMI हर महीने आसानी से दे सकते हैं। वहीं, अगर आपकी सैलरी 50 से 70 हजार के बीच है तो 25 हजार या इससे ज्यादा की EMI देना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है।