श्रीजी कंपनी के कार्यालय में सीबीआई की दबिश, जानिये रीवा से क्या है संबंध

श्री जी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कटनी, जबलपुर व भोपाल स्थित कार्यालयों में सीबीआई ने छापा मारा। सडक़ निर्माण करने वाली कंपनी के इन कार्यालयों में सीबीआई के दल ने बीती रात एक साथ दबिश दी।

श्रीजी कंपनी के कार्यालय में सीबीआई की दबिश, जानिये रीवा से क्या है संबंध
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रीवा। खबर है कि सीबीआई का छापा होने की जानकारी मिलने पर कई अधिकारी-कर्मचारी मौके से भाग गए। फिर भी सीबीआई ने आवश्यक जांच कार्यवाही करते हुए संबंधित दफ्तरों को सील कर दिया है। बताते हैं कि कंपनी को कटनी में टू लेन सडक़ को फोरलेन बनाने का ठेका मिला है। इस टू लेन सडक़ से रेललाइन भी गुजरी है, जिसमें कंपनी को पुल बनाना है। आरोप है कि इस पुल निर्माण कार्य में कंपनी द्वारा रेल व एनएचआई के अधिकारियों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, जिसकी शिकायत सीबीआई के भोपाल व दिल्ली स्थित कार्यालय में दी गई थी। शिकायत सही पाये जाने पर सीबीआई ने यह कार्यवाही की। सीबीआई कटनी के चक्का बायपास व दादा धाम स्थित कार्यालय में जांच कार्यवाही की है। ऐसे ही, जबलपुर के पचपेढ़ी स्थित कार्यालयों में भी पहुँचकर सीबीआई ने जरुरी दस्तावेजों को खंगाला है।

जनरल मैनेजर 50 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार
इस छापामार कार्यवाही से पहले सीबीआई की टीम ने जबलपुर मुख्य रेलवे स्टेशन के समीप स्थित रेस्ट हाउस में धावा बोला। जहां सीबीआई ने रेलवे के एक अधिकारी व कर्मचारी को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। आरोप है कि यह रिश्वत उक्त कंपनी के जनरल मैनेजर द्वारा दी जा रही थी, जिसके चलते सीबीआई ने उक्त मैनेजर को भी गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत उक्त बाईपास में ब्रिज निर्माण के लिए रेलवे की एनओसी हेतु दी जा रही थी।

प्रोपाइटर रीवा जिले से जुड़े
बता दें कि कंपनी के प्रोपाइटर रीवा जिले से जुड़े है। गंगेव क्षेत्र के जरहा गांव निवासी ज्ञानेंद्र सिंह की उक्त कंपनी है, जिनके पुत्र प्रणव प्रताप सिंह है। प्रणव प्रताप सिंह इस समय रीवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हैं, जो गुढ़ विधानसभा से भाजपा की टिकट की दौड़ में

है। ऐसे चुनावी माहौल में कंपनी के ऊपर छापामार कार्यवाही लोगों को पच नहीं रही है। वह भी तब, जब केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार है और जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह की सरपरस्ती में ही अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं।