एनजीटी की फटकार, पद पर रहने के लायक नहीं अधिकारी, नेता प्रतिपक्ष ने भी की टिप्पणी

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में मध्यप्रदेश शासन लगातार कटघरे में खड़ा हो रहा है। कई मामलों में तगड़ी पेनाल्टी भी लगी है, इसके बावजूद पर्यावरण से संबंधित मामलों में जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं है।

एनजीटी की फटकार, पद पर रहने के लायक नहीं अधिकारी, नेता प्रतिपक्ष ने भी की टिप्पणी
NGT

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने केरवा और कलियासोत डेम पर हुए अतिक्रमण के एक मामले में सुनवाई करते हुए गत शुक्रवार को मुख्य सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों को जमकर फटकार लगा दी। बेंच ने कहा कि यहां के जिम्मेदार अधिकारी पद पर रहने के लायक नहीं है, जो स्थितियां है उसमें तो प्रदेश का भगवान ही मालिक है। खास बात यह रही कि यह सब मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की मौजूदगी में हो गया। वे इस सुनवाई में एनजीटी के आदेश पर वर्चुअली जुड़े थे। इस दौरान एनजीटी ने सुनवाई में मौजूद अधिकारियों को चेताया कि यह रवैया ठीक नहीं है, यदि ऐसा ही चला तो ट्रिब्यूनल को अधिकारियों पर कार्यवाही करनी पड़ेगी। साथ ही बेंच ने 5 लाख रुपए पेनाल्टी भी लगाई हैं। इस मामले में मप्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने भी सख्त टिप्पणी करते हुए मुख्य सचिव को हटाने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।

एनजीटी के सामने दिया गोलमोल जबाब
भोपाल के कलियासोत और केरवा डेम के फुल टेंक लेवल से 33 मीटर का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट और उसके बाद 150 हेक्टेयर की जमीन बॉटनिकल गार्डन के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां लोगों ने अतिक्रमण कर लिए हैं। पिछली सुनवाई में एनजीटी ने शासन को आदेश दिया था कि वे 18 अगस्त को अपना जवाब प्रस्तुत करें कि उन्होंने इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए क्या कार्रवाई की। मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में सरकार की तरफ से गोलमोल जवाब दिया गया। जिससे नाराज होकर एनजीटी ने अधिकारियों को फटकार लगा दी।