आरोप लगे तो 37 आरटीआई लगाकर पूरे विभाग को ही लपेट दिया

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट)में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक वैज्ञानिक पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों लगे तो उसने 37 आरटीआई लगाकर विभाग से जुड़ी जानकारी मांग ली। इसके बाद मेपकास्ट के वैज्ञानिकों के बीच हडक़ंप मच गया।

आरोप लगे तो 37 आरटीआई लगाकर पूरे विभाग को ही लपेट दिया
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भोपाल।  दूसरे पक्ष ने इसकी शिकायत विभागीय मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से की है। मामला करीब 1 साल पुराना है, लेकिन दोनों ओर से शिकायत होने से इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है।

कुछ इस तरह का है मामला
परिषद् द्वारा डॉ. नरेंद्र शिवहरे को वर्ष 2022 में जबलपुर में आयोजित ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम’ में संयोजक के रुप में परिषद् के डॉ. नरेंद्र शिवहरे नियुक्त किए गए थे। इन पर बिना सक्षम स्वीकृति के 8,37,456 रुपए के अतिरिक्त खर्च के संबंध में वित्तीय अनिमियतता का नोटिस 5 अगस्त 2022 को दिया गया था। जिसका जवाब इन्होंने 10 अगस्त 2022 को दे दिया। दूसरी तरफ शिवहरे ने विभाग में हुई अन्य अनियमितताओं की जानकारी निकालने के लिए 37 आरटीआई लगा दी। जवाब नहीं मिला तो अपील में चले गए और अब लंबी चौड़ी शिकायत कर दी।

दूसरे पक्ष ने भी लगाये आरोप
मेपकास्ट के वैज्ञानिकों का आरोप है कि एक तरफ डॉ. नरेंद्र शिवहरे आरटीआई लगाकर उन पर मानसिक दबाव बना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर मेपकास्ट के डीजी डॉ. अनिल कोठारी मंत्री के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में संस्थान में काम करना मुश्किल हो रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि डॉ. शिवहरे द्वारा आरटीआई का दुरुपयोग कर धमकी भी दी जा रही है। वैज्ञानिकों ने कहा कि डॉ. शिवहरे ने 18 से अधिक वैज्ञानिक, अधिकारीयों के खिलाफ भारत सरकार, प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं अधिकारीयों से शिकायतें भी की हैं, जो जांच के बाद झूठी निकलीं।