सामूहिक परिवार आत्महत्या कांड: 5 आरोपी गिरफ्तार
राजधानी के रातीबड़ सामूहिक परिवार आत्महत्या कांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रातीबड़ थाना पुलिस ने इस मामले में रविवार को पांच आरोपी गिरफ्तार किए हैं।
भोपाल। रातीबड़ टीआई हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि इन आरोपियों के खाते में मृतक भूपेंद्र विश्वकर्मा के खाते से 95 हजार 700 रुपए ट्रांसफर किए गए थे। बता दें कि कोलंबिया की फ्रॉड कंपनी स्योनलेन एप्लीकेशन जो ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी के जरिए ठगी करती है, जिसके शिकार युवा भूपेंद्र विश्वकर्मा ने विगत 13 जुलाई को तडक़े नीलबड़ की शिव बिहार कॉलोनी में पत्नी ऋतु व दो बच्चों समेत आत्महत्या कर ली थी। मूलत: रीवा के अमवा निवासी भूपेंद्र सहित उसकी पत्नी व बच्चों के शव घर में मिले थे। दोनों मासूमों के शव जमीन पर पड़े थे, जबकि दंपत्ति फांसी पर लटक रहे थे।
गिरफ्त में आये ये आरोपी
रातीबड़ टीआई ने बताया कि इस मामले में शारिक बेग पिता मुश्ताक निवासी लांबाखेड़ा ईंटखेड़ी, अरशद बेग पिता जाहिर बेग इस्लामपुरा तलैया, मोहम्मद उबेश खान उर्फ युवी पिता मोहम्मद शफीक जुमेराती, शाहजवां खान उर्फ शाजी पिता नासिर खान तलैया समेत फरहान रेहमान पिता रिजवान न्यू अशोका गार्डन भोपाल को गिरफ्तार किया गया है। ये पांचों आरोपी राजधानी के ही निवासी हैं।
यस बैंक के कर्मचारी थे दो आरोपी
मृतक भूपेंद्र के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता से यस बैंक हमीदिया रोड भोपाल की शाखा में अमायरा ट्रेडर्स के नाम से खुले खाते में 95 हजार 700 रुपए ट्रांसफर हुए थे। यस बैंक का खाता अमायरा ट्रेडर्स के नाम पर जो है, जिसका धारक शारिक बेग है। शारिक के साथ अन्य ये चार उस खाते में शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपी फरहान और रेहमान यस बैंक के कर्मचारी हैं। इन लोगों ने उक्त खाता खोलने में सहयोग दिया था। साथ ही, बड़ी ठगी के लिए कमीशन के तौर पर 1,80,00 रुपए आपस में बांटे थे।
मौत को गले लगाने मजबूर हो गए
अपने जाल में फंसाने के बाद यह कथित कंपनी भूपेंद्र से लोन के 17 लाख रुपए मांगने लगी। भूपेंद्र ने मना किया तो जालसाजों ने जो उनके मोबाइल फोन और लैपटाप से निजी वीडियो, फोटो हासिल कर लिए थे, वह काट-छांट करके अश्लील बनाकर उनके मोबाइल फोन में मौजूद लोगों के नम्बर पर भेज दिए। तब भूपेंद्र इतने परेशान हो गए कि पूरे परिवार सहित खुद ही मौत को गले लगाने मजबूर हो गए, जिसमें उनकी पत्नी ने भी नम आंखों से सहमति दे दी। आत्महत्या से पहले आखिरी सेल्फी ली, जिसमें भूपेंद्र की पत्नी की आंखों में डबडबाये आंसू, उनके मन की व्यथा को व्यक्त करते रहे। परंतु नीचता की हद से गुजर चुके आरोपियों ने परिवार को इतना जलील कर दिया था कि उन्हें शांति के लिए सपरिवार मृत्यु का रास्ता ही ठीक लगा।