लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा डीईओ कार्यालय का घूसखोर बाबू

जिला शिक्षा अधिकारी रीवा कार्यालय का घूसखोर बाबू गुरुवार को लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गया। आरोपी बाबू विजय शर्मा ने निलम्बित सहायक शिक्षक रवि शुक्ला की बहाली के लिए 50 हजार रुपये मांगे थे।

लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा डीईओ कार्यालय का घूसखोर बाबू
rewa lokayukt trap


रीवा।  पूर्व में आरोपी बाबू निलम्बित शिक्षक से 5 हजार रुपये ले चुका था। गुरुवार को रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रुपये देने के लि बाबू विजय ने निलम्बित शिक्षक को कार्यालय बुलाया था। उक्त राशि जैसे ही आरोपी ने ली, वहां मौजूद लोकायुक्त रीवा की टीम ने उसे धर दबोचा। मामले में विंध्यबुलेटिन बताया गया कि शिकायतकर्ता रवि शुक्ला सहायक शिक्षक हैं, जो निलम्बनकाल का समय बीईओ हनुमना कार्यालय में काट रहे हैं। निलम्बन से बहाली के लिए उन्होंने डीईओ कार्यालय में पैरवी की। तब डीईओ कार्यालय की स्थापना शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 विजय शर्मा ने निलम्बित शिक्षक से 50 हजार रुपये रिश्वत में मांग लिये। परेशान होकर सहायक शिक्षक रवि शुक्ला ने मामले की शिकायत लोकायुक्त रीवा में कर दी। शिकायत की पुष्टि होने पर लोकायुक्त रीवा की टीम ने गुरुवार को अपना जाल बिछाया, जिसमें लालची बाबू फंस गया। विंध्यबुलेटिन इस ट्रेप कार्यवाही का नेतृत्व लोकायुक्त रीवा के उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण परिहार कर रहे थे, जिनके साथ राजेश पाठक समेत 18 सदस्यीय अमला मौजूद रहा।

कार्यालय में और भी हैं ऐसे किरदार
गौरतलब है कि उक्त बाबू विजय शर्मा डीईओ कार्यालय में 10 वर्ष से अधिक समय से जमा है। ज्यादातर समय इन्हें स्थापना शाखा में ही लूटखसोट के लिए रखा गया, बिना पैसे के विजय बाबू किसी से सीधे मुंह बात तक नहीं करते थे। इनके पहले स्थापना शाखा की जिम्मेदारी दयाशंकर अवस्थी नामक बाबू के पास थी। विंध्यबुलेटिन डीईओ कार्यालय में शिक्षकों को परेशान करने वाले ऐसे आधा दर्जन बाबूओं की सूची है, जो बिना लिये-दिये फाइल ही आगे नहीं बढ़ाते। डीईओ कार्यालय में काफी समय रहे जितेंद्र पाण्डेय भी काफी ख्यातिलब्ध रह चुके हैं। अनुदान घोटाला में शामिल अशोक शर्मा सहित अन्य बाबुओं का कमाल तो पिछले कुछ महीनों से खूब सुर्खियां बटोर चुका है।