गायनेकोलॉजिस्ट की जाएगी नौकरी, एचओडी पर गिरेगी गाज, फैसला आज
जिन दो डॉक्टरों के कारण प्रदेशभर में रीवा के मेडिकल कॉलेज की बदनामी हुई। डीन और अधीक्षक पर गाज गिरी। अब उन्हें ही प्रबंधन बचाने में लगा है। भोपाल की जांच टीम की अनुसंशा के बाद भी डॉ सोनल अग्रवाल को नौकरी बर्खास्त करने और डॉ बीनू सिंह की तीन इंक्रीमेंट रोकने का प्रस्ताव रखा गया था। पिछली कार्यकारिणी की बैठक में इन्हें बचा लिया गया था। इस मर्तबा फिर दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव रखा जा रहा है। शनिवार को बैठक में फैसला होगा।
भोपाल की टीम की अनुशंसा के बाद एचओडी रही डॉ बीनू सिंह की तीन इंक्रीमेंट रोकनी है, डॉ सोनल अग्रवाल की करनी है सेवा समाप्त
रीवा। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जीएमएच में मझियार तहसील मऊगंज निवारासी एक महिला को प्रसव के लिए भर्ती किया गया था। महिला को बेहतर इलाज मिले। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सिफारिश की थी। इसके बाद भी स्त्री रोग विभाग में पदस्थ डॉ सोनल अग्रवाल ने मरीज को निजी अस्पताल भेज दिया था। वहीं पर इलाज किया। इस बात को लेकर प्रदेशभर में बवाल मचा। विधानसभा तक मामला पहुंचा। विधानसभा अध्यक्ष ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर स्पेशल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी का असर भी हुआ। भोपाल से जांच करने आई टीम को एचओडी डॉ बीनू सिंह और इलाज करने वाले डॉ सोनल अग्रवाल की लापरवाही मिली। इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुसंशा की गई। इसी अनुसंशा के आधार पर कार्रवाई का प्रस्ताव पिछले कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया। डॉ बीनू सिंह प्राध्यापक प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के खिलाफ तीन वेतनवृद्धि रोकने का प्रस्ताव रखा गया। वहीं डॉ सोनल अग्रवाल को सेवा से ही पृथक किए जाने का प्रस्ताव रखा गया लेकिन फैसला कमिश्नर नहीं ले पाए। आज फिर बैठक है। प्रस्ताव भी रखा जा रहा है। दोनों पर कार्रवाई तय है।
पिछली मर्तबा यह कार्यकारिणी की बैठक में यह हुए थे आदेश
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज की कार्यकारिणी की बैठक 29 मार्च 2023 में दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव रखा गया था। इस पर कार्रवाई की स्वीकृति कमिश्नर ने प्रदान कर दी थी। डॉ सोनल अग्रवाल की बर्खास्ती की कार्रवाई के मामले में स्पष्ट लेख किया गया है कि कार्यकारिणी समिति के सदस्य सचिव होने के नाते मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अधिष्ठाता श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा प्रकरण प्रस्तुत किए जाने पर समिति द्वारा ानिर्देशित किया गया है कि डॉ सोनल अग्रवाल सहायक प्राध्यापक के प्रकरण पर आदर्श सेवा भर्ती नियम 2018 में किए गए प्रावधान के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अधिष्ठाता स्वयं कार्यवाही के लिए सक्षम अधिकारी हैं। अधिष्ठता अपने स्तर पर शासन के नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।
भोपाल से आई जांच टीम ने की थी कार्रवाई की अनुशंसा
जीएमएच रीवा के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में 10 जनवरी 2023 को मरीज अनिता तिवारी पति हंसराज मिश्रा ग्राम मझियार तहसील मऊगंज को प्रसव के लिए भर्ती किया गया था। अस्पताल में सही ट्रीटमेंट नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी सिफारिश की थी। इसके बाद भी मरीज को वहां पदस्थ डॉ सोनल अग्रवाल ने निजी नर्सिंग होम भेज दिया था। इससे नाराज होकर विधानसभा अध्यक्ष ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को कड़ा पत्र लिखा था। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी। विधानसभा की नाराजगी के बाद ही भोपाल से जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम रीवा आई थी। समिति ने 13 और 14 फरवरी को शिकायत की जांच की थी। जांच में डॉ सोनल अग्रवाल पर लगे आरोप सही पाए गए थे। जांच में पाया गया था कि अनिता तिवारी को 11 जनवरी 2023 को सुबह 10.18 बजे डॉ सोनल अग्रवाल की देख रेख में निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। 10 हजार 500 रुपए डॉ सोनल अग्रवाल के नाम पर आईपीडी बिल में सर्जन चार्ज के रूप में उल्लेखित मिला था। जांच के बाद समिति की अनुशंसा पर ही कार्रवाई का प्रस्ताव कार्यकारिणी में रखा गया। डॉ बीनू सिंह को भी इसी मामले में दोषी माना गया है।
प्रदेश में हुई किरकिरी उन पर कार्रवाई में देरी
स्त्री रोग विभाग की डॉ सोनल अग्रवाल और एचओडी रहीं डॉ बीनू सिंह की लापवाही के कारण ही प्रदेशभर में रीवा मेडिकल कॉलेज की किरकिरी हुई। जांच में प्रमुख रूप से यही दोनों दोषी मिले। मरीज को प्राइवेट अस्पताल में भेज कर इलाज करना भी जांच में पाया गया। अब इन पर कार्रवाई करने में प्रबंधन देरी कर रहा है। इस पूरे मामले में अधीक्षक और डीन पर बाद में कार्रवाई होनी थी लेकिन दबाव बनाकर उन्हें पहले ही हटा दिया गया। वहीं जिनकी भूमिका अहम थी। उन्हें पूरा सिस्टम ही बचाने में लगा हुआ है। अब इस मुद्दे को भी भूला दिया गया है। इससे राजनीतिक मंशा पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।