चिड़ियाघर में दिल्ली से आएगा सफेद बाघ, बदले में जाएगा बंगाल टाइगर

मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर में जल्द ही सफेद बाघ पहुंचने वाला है। दिल्ली से इसे लाने की तैयारी है। चिडिय़ाघर प्रबंधन सफेद बाघ देने को तैयार हो गया है। अब सिर्फ लेने जाने की बारी है। हालांकि सफेद बाघ के बदले दिल्ली को मुकुंदपुर से एक बंगाल टाइगर भी देना पड़ेगा। एक्सचेंज में ही नया मेहमान मिल रहा है।

चिड़ियाघर  में दिल्ली से आएगा सफेद बाघ, बदले में जाएगा बंगाल टाइगर
Zoo file photo

सतना। 40 साल बाद विंध्य में सफेद बाघ की वापसी हुई, लेकिन अब संख्या बढ़ नहीं रही है। घटती जा रही है। विंध्या की मौत के बाद अब चिडिय़ाघर में सिर्फ दो सफेद बाघ ही बचे हैं। सोनम और रघू कुनबा नहीं बढ़ा पा रहे हैं। दिल्ली और ग्वालियर से सफेद बाघ मांगे गए लेकिन दोनों ने हाथ खड़े कर दिए। सफेद बाघ के बदले में वन्यजीव मांग रहे थे। लंबे समय तक प्रबंधन इस प्रयास में लगा रहा कि दिल्ली से सफेद बाघ बिना एक्सचेंज के लिए जाए हालांकि यह सफल नहीं हो पाया। अंतत: प्रबंधन को सफेद बाघ के बदले बंगाल टाइगर देने पर राजीनामा करना पड़ा। अब सहमति बन गई है। जल्द ही वन्यजीवों का एक्सचेंज किया जाएगा। उम्मीद है कि सितंबर में मुकुंदपुर चिडिय़ाघर को नया मेहमान मिल जाएगा। सफेद बाघ चिडिय़ाघर का कुनबा बढ़ाएगा।

जू संचालक ने लगाई थी दौड़

सफेद बाघ लाने के लिए प्रबंधन की कोशिश लगातार जारी रही। हाल ही में 4 जुलाई को चिडिय़ाघर संचालक सूरज सिंह सेन्द्रयाम ने दिल्ली की दौड़ लगाई थी। दिल्ली पहुंच कर सेंट्रल जू अथॉरिटी और चिडिय़ाघर संचालक से भी मिले थे। सफेद बाघ देने की सहमति चाही थी। इस प्रयास का हालांकि फायदा मिला। चिडिय़ाघर संचालक के प्रयास का ही नतीजा रहा कि अब दिल्ली चिडिय़ाघर प्रबंधन सफेद बाघ देने को तैयार हो गया है। सहमति दे दी है।

9 साल की उम्र में आई थी विंध्या

विंध्य में अंतिम सफेद बाघ विराट की मृत्यु जुलाई 1976 में हो गई थी। इसके बाद विंध्य की धरती पर एक भी सफेद बाघ नहीं बचे थे। चिडिय़ाघर की स्थापना हुई तो विंध्या के रूप में 40 साल बाद सफेद बाघ की वापसी हुई। अब यही विंध्या उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है। विंध्या को जब मुकुंदपुर लाया गया था तब उसकी उम्र सिर्फ 9 साल थी। सफारी की शान थी। प्रबंधन और प्रशासन को उम्मीद थी कि विंध्या से ही मुकुंदपुर में सफेद बाघों का कुनबा आगे बढ़ेगा। हालांकि ऐसा संभव नहीं हो पाया। उम्र बढऩे के कारण विंध्या की सेहत पर असर पड़ा और उसकी मौत हो गई। इसके पहले व्हाइट टाइगर गोपी की मौत 23 दिसंबर 2020 को गई। वहीं सफेद बाघ राधा की जान 6 दिसंबर 2016 की भी जान जा चुकी है। विंध्या की 8 मई 2023 को मौत हो गई।

अब सिर्फ दो ही सफेद बाघ बचे हैं

सफेद बाघ की चिडिय़ाघर में कभी बहार थी। यहां राधा, गोपी, सोनम, विंध्या और रघू थे। एक एक कर तीन सफेेद बाघों की मौत हो चुकी है। यह सफेद बाघ कई राज्यों से लाए गए थे। बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए कई प्रयोग किए गए लेकिन प्रबंधन सफल नहीं हो पाया। अब सफेद बाघों की संख्या घट कर सिर्फ दो ही रह गई है। जो बचे हैं, वह प्रजनन के योग्य नहीं है। यही वजह है कि चिडिय़ाघर प्रबंधन इनकी संख्या बढ़ाने के लिए नए सफेद बाघ को लाने की कवायद में जुटा हुआ है। दिल्ली से इसके आने की उम्मीद भी बढ़ गई।

यहां से नर बंगाल टाइगर जाएगा दिल्ली

दिल्ली चिडिय़ाघर से नर सफेद बाघ मिल रहा है। इसकी उम्र भी कम है। इसके बदले में मुकुंदपुर जूदेव चिडिय़ाघर से दिल्ली को नर बंगाल टाइगर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।सेंट्रल जू अथॉरिटी से स्वीकृति मिलते ही इन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। उम्मीद है कि सितंबर में नए मेहमान को मुकुंदपुर ले आया जाएगा।

मुकुंदपुर चिडिय़ाघर की स्थिति

प्रजाति       संख्या

सफेद बाघ   02

पीला बाघ।  06