तीन साल तक सरपट भागेगी इंडियन इकॉनमी, कोई नहीं है टक्कर में, चीन को लगेगा जोर का झटका

दुनिया मंदी की आशंका में जी रही है और भारतीय इकॉनमी कुलांचे मार रही है। दुनिया की कई एजेंसियां इसकी तस्दीक कर चुकी हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी का भी कहना है कि तीन साल तक कोई भी बड़ा देश भारत को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है। जानिए क्या कहा है एजेंसी ने...

तीन साल तक सरपट भागेगी इंडियन इकॉनमी, कोई नहीं है टक्कर में, चीन को लगेगा जोर का झटका

नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में जहां मंदी की आशंका बढ़ रही है, वहीं भारत की इकॉनमी रॉकेट की स्पीड से बढ़ रही है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) का कहना है कि अगले तीन साल में भारतीय इकॉनमी के औसतन 6.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। इस दौरान कोई और देश भारत की टक्कर में नहीं होगा। एसएंडपी के मुताबिक 2026 तक एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमीज बनी रहेंगी। इसमें भारत, वियतनाम और फिलीपींस सबसे आगे रहेंगे। 2023-26 के दौरान भारत की इकॉनमी औसतन 6.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। इसी तरह वियतनाम की इकॉनमी की रफ्तार औसतन 6.6 परसेंट और फिलीपींस की 6.1 परसेंट रहने का अनुमान है। हालांकि एजेंसी ने चीन के ग्रोथ अनुमान को 5.5 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है।एसएंडपी ने सोमवार को अपना इकॉनमिक आउटलुक रिलीज किया। इसमें मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को छह फीसदी पर बरकरार रखा गया है जबकि फाइनेंशियल ईयर 2025 और 2026 में इसके 6.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया गया है। फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत की इकॉनमी 7.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी। एजेंसी का कहना है कि मार्च तिमाही में भारतीय इकॉनमी का प्रदर्शन अनुमान से कहीं बेहतर रहा।

कब घटेगी किस्त

एसएंडपी का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत में कमी और डिमांड घटने से फ्यूल और कोर इनफ्लेशन में कमी आने की संभावना है। फाइनेंशियल ईयर 2024 में महंगाई के पांच फीसदी रहने का अनुमान है और फिर अगले दो साल यह 4.5 फीसदी के करीब रह सकता है। एजेंसी ने कहा कि महंगाई और रेट हाइक साइकल्स अपने पीक को पार पर चुके है। आरबीआई अगले साल की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इस फाइनेंशियल ईयर के अंत तक यह 6.25 फीसदी तक आ सकता है जो अभी 6.5 परसेंट है। हालांकि मीडियम टर्म में इसके पांच फीसदी से नीचे जाने का अनुमान नहीं है।

चीन की ग्रोथ अनुमान घटाया

एजेंसी ने चीन के ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। पहले इससे 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था लेकिन अब इसे घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि एजेंसी ने अमेरिका और यूरोजोन के ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है। लेकिन एशिया-पैसिफिक के ग्रोथ अनुमान में 0.1 फीसदी की कटौती की है। उसका कहना है कि बैंकिंग सेक्टर में संकट के बावजूद अमेरिका और यूरोप में सर्विसेज सेक्टर लेबर मार्केट लगातार दूसरी तिमाही में बेहतर स्थिति में रहे। लेकिन एजेंसी ने साथ ही आगाह किया है कि हायर इंटरेस्ट रेट से एशिया-पैसिफिक मार्केट्स और करेंसीज पर दबाव बढ सकता है।